केजीएमयू (किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय) का 21वां दीक्षांत समारोह शनिवार को कन्वेंशन सेंटर में राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा, विशिष्ट अतिथि केन्द्रीय राज्य मंत्री पंकज चौधरी और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक रहे।
दीक्षांत समारोह में एमबीबीएस छात्रा तनुश्री सिंह को अति प्रतिष्ठित हीवेट गोल्ड मेडल सहित दो सिल्वर मेडल और बुक प्राइज प्रदान किया गया। वहीं अन्य मेधावी विद्यार्थियों के साथ मयंक सुहाग को चांसलर मेडल समेत दो गोल्ड मेडल, बुक प्राइज एवं प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया। समारोह में देश के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद को डी.एससी. (मानद उपाधि) प्रदान की गई।
पदक एवं उपाधि वितरण के बाद अपने अध्यक्षीय संबोधन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने छात्राओं को बड़ी संख्या में उपाधियां और पदक मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। नव चिकित्सकों से निरंतर परिश्रम, समर्पण और ईमानदारी के साथ आगे बढ़ने का आह्वान करते हुए कहा कि आज प्राप्त की गई डिग्री केवल शैक्षणिक उपलब्धि नहीं, बल्कि समाज के प्रति गंभीर नैतिक दायित्व का प्रतीक है। नव चिकित्सकों से चिकित्सा को सेवा के रूप में अपनाने और मानवीय संवेदनाओं व नैतिक मूल्यों को कभी न भूलने की अपील की। उन्होंने केजीएमयू को देश का प्राचीनतम चिकित्सा संस्थान बताते हुए कहा कि यहां से निकले चिकित्सकों ने राज्य, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है।
चिकित्सा शिक्षा में सरकार के प्रयासों की सराहना
राज्यपाल ने केंद्र सरकार की स्वास्थ्य नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि देशभर में 10 हजार नई एमबीबीएस सीटें बढ़ाई गई हैं और अगले पांच वर्षों में 75 हजार सीटें बढ़ाने का लक्ष्य है। इससे गांव-गांव तक योग्य चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना को संकट की घड़ी में भरोसे का कवच बताया। साथ ही कहा कि स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग को लगभग चार हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है और प्रत्येक जिले में डे-केयर कैंसर सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं।
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