पहलगाम में आतंकी हमले में मारे गए रघुवीरनगर हाथीपुर निवासी सीमेंट कारोबारी शुभम द्विवेदी का पार्थिव शरीर लखनऊ हवाई अड्डे पर देर रात पहुंचा। इस दौरान उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी एयरपोर्ट पहुंचे और ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पार्थिव शरीर को सेना के वाहन से उनके आवास के लिए रवाना किया गया।
इस दौरान उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शुभम के पिता संजय द्विवेदी और पत्नी ऐशन्या द्विवेदी व अन्य परिजनों से बात कर उन्हें सांत्वना दी।
दरअसल, शुभम अपनी पत्नी, मम्मी सीमा द्विवेदी, बहन आरती, बहनोई शुभम दुबे, पापा संजय द्विवेदी समेत 11 साथियों के साथ जम्मू कश्मीर घूमने गए थे। मंगलवार को जब वे पहलगाम में पहाड़ के ऊपर टहल रहे थे तभी आतंकियों ने ऐशन्या से उनका धर्म पूछा। ऐशन्या ने कहा कि वह हिंदू हैं। आतंकियों ने उनके मुख से हिंदू शब्द सुनते ही ताबड़तोड़ फायरिंग कर शुभम को मौत के घाट उतार दिया।
पति पर हुए हमले के बाद ऐशन्या चीखती रहीं और बोलीं मुझे भी मार दो, अब मैं जीकर क्या करूंगी, लेकिन आतंकियों ने उन्हें झिड़क दिया और आगे बढ़ गए। वहां मौजूद लोगों ने किसी तरह ऐशन्या को संभाला। कुछ देर के लिए ऐशन्या अचेत हो गईं। जब होश आया तो उन्होंने परिजनों को घटना की जानकारी फोन पर दी। पूरे सम्मान के साथ बुधवार रात करीब साढ़े ग्यारह बजे शुभम और नेपाल के संदीप का पार्थिव शरीर सेना के विमान से लखनऊ एयरपोर्ट पर पहुंचा।
वहां उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक अधिकारियों के साथ पहले से ही मौजूद थे। उन्होंने पुष्प अर्पित कर शुभम और संदीप को श्रद्धांजलि अर्पित की। सुरक्षाकर्मियों ने भी उन्हें अंतिम सलामी दी। पार्थिव शरीर लेने गांव से एयरपोर्ट पहुंचे परिजनों की आंखें भी नम हो गईं। ग्रीन कॉरिडोर बनाकर शुभम के पार्थिव शरीर को गांव रवाना किया गया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह बहुत ही दुखद क्षण है। कानपुर के शुभम द्विवेदी और नेपाल के संदीप जी के पार्थिव शरीर को एयरपोर्ट पर हमने रिसीव किया है और उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया है। आतंकियों की कायराना हरकत का मुंहतोड़ जवाब सरकार देगी। जिन भाइयों का बलिदान हुआ है वह निरर्थक नहीं जाएगा। आतंकियों को जरूर सजा मिलेगी।
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