धोखा-धड़ी

एक और ज्वैलर्स ने SBI को लगाया 1000 करोड़ का चूना

ऐसी कम्पनियों को जिनके मालिक करोड़ों-करोड़ रूपया लेकर विदेश भाग गये हैं उनके रिकवरी एमाउन्ट पर ब्याज लगाना बैंकें क्यों बन्द कर देती हैं? एक गरीब का रिकवरी एमाउन्ट जब एनपीए होता है, तो उसका ब्याज लगना तो बन्द नहीं होता?

उससे तो आखिरी दम तक ब्याज वसूल लिया जाता है। ऐसे फ्राडियों की देनदारी पर भी ब्याज तबतक लगते रहना चाहिए, जबतक की उससे वसूली नहीं हो जाती। एनपीए की रकम का कुछ प्रतिशत हिस्सा सामूहिक रूप से बैंक के प्रबन्धतंत्र से भी वसूला जाना चाहिए। भले ही वह पच्चीस प्रतिशत ही क्यों ना हो।

राज्‍यों से जुड़ी हर खबर और देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए नार्थ इंडिया स्टेट्समैन से जुड़े। साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप को डाउनलोड करें।
Previous page 1 2 3 4

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button

sbobet

Power of Ninja

Power of Ninja

Mental Slot

Mental Slot