दीपिका पादुकोण का विकल्प नहीं खोज पाए Sanjay Leela Bhansali
मुंबई। Sanjay Leela Bhansali की फिल्में हमेशा विवादों में रहती हैं लेकिन इतना तय है कि भंसाली अपनी फिल्मों के निर्माण में कोई समझौता नहीं करते। वह परदे पर जो दिखाना चाहते हैं, वह आखिरकार दिखाकर ही दम लेते हैं चाहे कितने ही विरोध क्यों न सहने पड़ें। उनकी आगामी फिल्म पद्मावती को लेकर भी काफी विरोध हुआ, पर भंसाली टस से मस नहीं हुए। तमाम विरोधों के बावजूद पद्मावती की शूटिंग लगातार चल रही है जिसमें उनका साथ दे रही हैं दीपिका पादुकोण, जो फिल्म में रानी पद्मिनी का किरदार निभा रही हैं। चूंकि दीपिका पादुकोण को बॉलीवुड की खूबसूरत अभिनेत्रियों में अव्वल माना जाता है, इसलिए भंसाली अपनी फिल्मों में उन्हें रिपीट करते हैं क्योंकि उन्हें सुंदर चेहरे पसंद हैं और अगर किरदार पद्मिनी का हो, तो दीपिका पादुकोण के आगे किसी का ज़ोर नहीं चल सकता, इस बात को भंसाली समझते हैं। अब सवाल यह उठता है कि हम पद्मिनी की तुलना दीपिका पादुकोण से क्यों कर रहे हैं! इसका जवाब भी हमें देना होगा।
दरअसल, पद्मिनी, जिन्हें पद्मावती भी कहा जाता है, वह एक प्रसिद्ध 13वीं -14वीं सदी की भारतीय रानी थी। रानी पद्मिनी अपनी सुंदरता के लिए समस्त भारत देश में प्रसिद्ध थी और जो लोग इस बात को नहीं जानते, उन्हें बता दे कि भारत के कुछ इतिहासकारों के मुताबिक रानी पद्मिनी या कहें कि रानी पद्मावती सिंघल राज्य (श्रीलंका) की एक राजकुमारी थीं। चित्तौड़ के राजपूत शासक रतन सेन ने हीरामैन नामक एक तोते से रानी की सुंदरता के बारे में सुना था। रतन सेन उनकी सुंदरता के इस कदर कायल थे कि लगभग 8 साल के कड़े संघर्ष के बाद वो रानी पद्मिनी से शादी करने में कामयाब हुए। एक साहसी खोज के बाद, उन्होंने उनसे शादी कर ली और उसे चित्तौड़ ले आये। दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने भी उनकी सुंदरता के बारे में सुना, और उन्हें प्राप्त करने के लिए चित्तौड़ पर हमला बोल दिया। और ये ही वजह है कि इस तरह के किरदार के लिए दीपिका पादुकोण से बेहतर ओर कोई विकल्प नही हो सकता था। दीपिका की सुंदरता, स्टार पावर और अभिनय की शानदार क्षमता ही वो कारण है जो आज भंसाली इस फिल्म को बनाने में सक्षम रहे। फिलहाल फिल्म उद्योग में कोई अन्य अभिनेत्री नही है जो इन सभी उपरोक्त विशेषताओं से लैस हो।