
Rajasthan Politics : …तो वसुंधरा के साथ हो गया ‘खेल’, BJP ने दो समितियों से राजे को रखा दूर
राजस्थान विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी फूंक-फूंक के कदम रख रही है। हालांकि, पूर्वी सीएम वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) की भूमिका पर अभी सस्पेंस बरक़रार है। लेकिन, ये भी सही है कि वसुंधरा को इग्नोर करना बीजेपी के लिए मुश्किलें भी खड़ी कर सकता है।
दरअसल, बीजेपी ने इसी साल के अंत में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर गुरुवार (17 अगस्त) को चुनाव प्रबंधन समिति और संकल्प (घोषणा) पत्र कमेटी के गठन की घोषणा की। इन दोनों समितियों में वसुंधरा का नाम नहीं है।
चुनाव प्रबंधन समिति और संकल्प समिति से वसुंधरा का नाम नहीं होने के बाद पार्टी के भीतर और बाहर चर्चा तेज हुई। कयासबाजियों का दौर भी चला। इसे लेकर जब बीजेपी से सवाल पूछे गए तो पार्टी ने कहा, ‘सभी को भूमिका दी जा रही है।अंदर खाने ये भी बात है कि वसुंधरा की मंशा जरूर इलेक्शन कमेटी के अध्यक्ष पद हासिल करने की है।
…तो वसुंधरा के साथ हो गया ‘खेल’?
आपको बता दें, राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने दो कमेटियों का गठन किया है। भाजपा ने चुनाव प्रबंधन समिति की कमान नारायण पंचारिया को सौंपी जबकि संकल्प समिति (Manifesto) के संयोजक केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम…
मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) को बनाया गया। राजस्थान चुनाव को लेकर गठित दोनों कमेटियों में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को स्थान नहीं मिल सकी। ऐसे में कई तरह के सवाल उठने लगे। कहा जा रहा है कि क्या राजस्थान की सियासत में वसुंधरा राजे के साथ ‘खेल’ हो गया?
BJP सीएम फेस को लेकर नहीं खोल रही पत्ते
दरअसल, बीजेपी की तरफ से राजस्थान की सियासी जंग जीतने की कवायद जारी है। बीजेपी ने राज्य में चुनाव के लिए दो महत्वपूर्ण समितियों का गठन किया है, मगर किसी में भी वसुंधरा राजे को जगह नहीं दी गई।
बता दें, वसुंधरा राजस्थान में बीजेपी की सबसे बड़ी नेता हैं। वो राज्य में दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। तीसरी बार भी मुख्यमंत्री पद की दावेदारों में शामिल हैं।बावजूद बीजेपी राजस्थान में सीएम फेस को लेकर अपने पत्ते नहीं खोल रही। वहीं, वसुंधरा गुट भी लगातार ‘प्रेशर पॉलिटिक्स’ कर रहा है।