
‘उल्लास’ से ग्रामीण और महिला साक्षरता में आई वृद्धि, प्रधानमंत्री मोदी ने शेयर किया जयंत चौधरी का लेख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘समाज में सभी के लिए आजीवन शिक्षा को समझना’ (उल्लास) कार्यक्रम के परिवर्तनकारी प्रभाव की प्रशंसा की है। उन्होंने केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी का एक लेख शेयर किया, जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत 2022 में शुरू किए गए इस कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण समुदायों और महिलाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे भारत में वयस्कों के लिए शिक्षा के अवसरों के उल्लेखनीय विस्तार की बात कही गई है।
केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत चौधरी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, “इस लेख में राज्य मंत्री जयंत चौधरी बताते हैं कि कैसे एनईपी 2020 के अनुरूप 2022 में शुरू किया गया ‘उल्लास’ कार्यक्रम वयस्कों के लिए शिक्षा के अवसर प्रदान करता है।”
पीएम मोदी ने लिखा, “उन्होंने (जयंत चौधरी) इस बात पर प्रकाश डाला कि ‘उल्लास’ कार्यक्रम के प्रभाव ने ग्रामीण और महिला साक्षरता में वृद्धि की है, जिससे भारत 2030 तक संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साक्षरता लक्ष्य को प्राप्त करने की राह पर है।”
जयंत चौधरी ने अपने लेख की शुरुआत जर्मन मनोचिकित्सक और मनोविश्लेषक फ्रिट्ज पर्ल्स के ‘सीखना उस चीज की खोज है जो संभव है’ शब्दों के साथ की।
उन्होंने लिखा, “हर समाज में सीखने का एक चक्र होता है। इसके भीतर रहने वाले लोग पढ़ सकते हैं, समझ सकते हैं और काम कर सकते हैं, लेकिन जो लोग इसके बाहर रह जाते हैं, वे दूसरों पर निर्भर रहते हैं कि वे बोलें और अपने लिए निर्णय लें। साक्षरता वह रेखा है, जो इन दोनों को अलग करती है।