
प्रधानमंत्री मोदी ने जारी की किसान निधि की 21वीं किस्त, कहा- जैविक खेती का वैश्विक केंद्र बनने की राह पर भारत
कोयंबटूर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत जैविक खेती का वैश्विक केन्द्र बनने की राह पर है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह देश की स्वदेशी और पारंपरिक पद्धति है। बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की शानदार जीत के बाद मोदी ने अपने यहां आगमन पर लोगों द्वारा गमछा लहराने का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा था कि ‘‘बिहार की हवाएं’’ उनसे पहले ही तमिलनाडु में आ गई हों।
तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) अगले साल विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेतृत्व वाले गठबंधन से मुकाबला करेगा। विपक्षी गठबंधन एम के स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से हटाने के लिए प्रयास कर रहा है।
दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन 2025 और एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने नौ करोड़ किसानों को सहायता देने के लिए पीएम-किसान योजना की 21वीं किस्त जारी की। इस किस्त की कुल राशि 18,000 करोड़ रुपये से अधिक है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता में कमी आई है और जैविक खेती को पूरी तरह से समर्थन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फसल विविधीकरण और जैविक खेती मृदा संबंधी समस्याओं का समाधान है। उन्होंने कहा कि साथ ही जैविक खेती जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में भी मदद करती है।
छात्राओं के विज़न की सराहना
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री की नज़र दो छात्राओं पर पड़ी, जो देश के आर्थिक परिवर्तन को लेकर अपने विचार तख्तियों पर लिखकर दिखा रही थीं। प्रधानमंत्री ने सुरक्षाकर्मियों से वे तख्तियां मंगवाईं और छात्राओं के विचारों की सराहना की। उन्होंने कहा कि युवाओं का यह दृष्टिकोण भारत के भविष्य की ताकत है।
9 करोड़ किसानों को मिला लाभ
दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन 2025 और उससे जुड़ी प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने पीएम किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त जारी की। इस किस्त के तहत देशभर के 9 करोड़ किसानों के खातों में 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित की गई।



