गुमला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आदिवासी समुदाय के विकास के लिए शिक्षा के महत्व पर बल देते हुए मंगलवार को शिक्षित व्यक्तियों से आग्रह किया कि वे लोगों को विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आदिवासी समुदाय के समावेशी विकास के लिए काम कर रही है, ताकि विकास समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके।
मुर्मू ने झारखंड के गुमला जिले में अंतरराज्यीय जनसांस्कृतिक समागम समारोह-कार्तिक यात्रा (अंतरराज्यीय लोक सांस्कृतिक सभा) को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस समागम में मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्य के आदिवासी समुदायों के लोगों ने भाग लिया। मुर्मू ने कहा, ‘‘शिक्षा विकास की कुंजी है। शिक्षा व्यक्तित्व को निखारती है, विकास के अवसर पैदा करती है और समावेशी विकास एवं सामाजिक न्याय का माध्यम बनती है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने के बाद, कई लोग शहरों में बसना पसंद करते हैं और अपने गांवों में वापस नहीं लौटते हैं। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमें अपने गांव जाना चाहिए और लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं तथा उनके लाभों के बारे में उन्हें जागरुक करना चाहिए। सरकार अपना काम करेगी, लेकिन शिक्षा प्राप्त करने के बाद हमें भी अपना योगदान देना चाहिए।
इस समारोह में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी मौजूद थे। उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार आदिवासी समुदाय के समावेशी विकास में विश्वास रखती है और समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने के लिए काम कर रही है। सरकार ने बिरसा मुंडा के नाम से कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनका लाभ न केवल आदिवासी लोगों को मिलेगा, बल्कि उन लोगों को भी मिलेगा, जो अभी भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।
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