
जामा मस्जिद से सर्वे की बात लीक होने से हुई दंगे की तैयारी, आयोग ने दंगे की साजिश रचने में इंतेजामिया कमेटी की भूमिका भी गिनाई
संभल हिंसा की न्यायिक जांच रिपोर्ट में सांसद जिया-उर-रहमान बर्क, विधायक के पुत्र सुहैल इकबाल और इंतेजामिया कमेटी के पदाधिकारी मुख्य भूमिका में पाए गए हैं। रिपोर्ट में आरोप है कि संभल जामा मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी ने मिलकर साजिश रची। 22 नवंबर को नमाजियों को संबोधित करते हुए सांसद जिया-उर-रहमान बर्क ने भड़काऊ भाषण दिया था। जबकि 24 नवंबर को सर्वे की बात जामा मस्जिद से लीक होने से दंगे की तैयारी हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रशासन ने संभल जामा मस्जिद के प्रबंधन को बताया था कि 24 नवंबर को सर्वे होना है। वहीं से सर्वे की बात लीक हुई और भीड़ जुटी। वहां अवैध हथियारों और नशीले पदार्थों का जखीरा भी था। रिपोर्ट में पिछले दंगों की तिथियां, उनमें हुई जनहानि, प्रशासनिक कार्रवाई और उसके बाद की स्थिति का भी पूरा विवरण शामिल किया गया है।
संभल हिंसा जांच आयोग की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है कि 24 नवंबर की हिंसा पूर्वनियोजित और षड्यंत्र का नतीजा थी। नमाजियों को उकसाने के लिए सांसद जिया-उर-रहमान बर्क ने कहा था कि हम इस देश के मालिक हैं। सांसद जिया-उर-रहमान बर्क, विधायक के पुत्र सुहैल इकबाल और इंतेजामिया कमेटी के पदाधिकारी मुख्य भूमिका में थे। रिपोर्ट में आरोप है कि संभल जामा मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी ने मिलकर साजिश रची।
22 नवंबर को नमाजियों को संबोधित करते हुए सांसद जिया-उर-रहमान बर्क ने भड़काऊ भाषण दिया था। उन्होंने कहा था कि हम पुलिस प्रशासन सरकार से दबने वाले थोड़ी हैं, अरे हम इस देश के मालिक है नौकर, गुलाम नहीं हैं”। मैं खुले रूप से कह रहा हूं कि मस्जिद थी, मस्जिद है, इंशा-अल्ला मस्जिद रहेगी कयामत तक। जिस तरह अयोध्या में हमारी मस्जिद ले ली गई, वैसा यहां नहीं होने देंगे।
रिपोर्ट में दर्ज कुछ मुख्य बिंदु
रिपोर्ट में हरिहर मंदिर और नींव में बाबर काल के साक्ष्य मिले हैं। जिस पर ऐतिहासिक विवाद फिर गहरा सकता है। साथ ही डेमोग्राफिक बदलाव की जड़ें खगांलने से कई सफेदपोश सामने आएंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1947 में सम्भल नगर पालिका क्षेत्र में हिंदू 45% और मुस्लिम 55% थे। अब हिंदू घटकर सिर्फ 15% रह गए, मुस्लिम आबादी 85% तक पहुंच गई। तुष्टिकरण, योजनाबद्ध दंगे और डर का माहौल इस बदलाव की प्रमुख वजहें मानी गई हैं। रिपोर्ट में दंगों की पूरी श्रृंखला का ब्योरा है। 1947 से 2019 तक 15 बड़े दंगों का दस्तावेजी विवरण है। कहा गया है कि दंगों में सबसे अधिक नुकसान हिंदू समुदाय को हुआ है।