ट्रिगर न्यूज
मोदी जी का देशभर के पत्रकारों को तोहफा
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के उप सचिव/निदेशक सदस्य-संयोजक हैं। यह समिति ही पीड़ित पत्रकार अथवा उनके परिजन के आवेदन पर विचार करेगी।
हालांकि इसमें केंद्र अथवा राज्य सरकार से मान्यताप्राप्त (एक्रीडिटेड) पत्रकार होने की कोई शर्त नहीं है। लेकिन यह स्कीम पत्रकारों से सम्बंधित 1955 के एक अधिनियम [Working Journalists and other Newspaper Employes (Condition of service) And Miscellaneous Provision Act—1955] के तहत पत्रकार की श्रेणी में आने वाले देश के सभी पत्रकारों के लिए लागू की गयी है।
इनके अलावा टेलीविजन और वेब जर्नलिज्म के माध्यम से सेवाएं देने वालों को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा। साथ ही समाचार पत्रों के संपादक से लेकर उपसंपादक,रिपोर्टर, फोटोग्राफर,कैमरामैन,फोटो-जर्नालिस्ट के अलावा फ्रीलान्स जर्नलिस्ट, अंशकालिक संवाददाता और उनके आश्रितों को भी इसके दायरे में रखा गया है।
इसके लिए कम से कम पांच वर्षों की पत्रकार के रूप में सेवा का होना अनिवार्य है। इस स्कीम के तहत यह भी बताया गया है कि एक से पांच लाख की सहायता किन परिस्थितियों में पीड़ित पत्रकार अथवा उनके परिजनों को दी जाएगी।
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