
श्रम संहिताएं रोजगार को संगठित रूप देंगी, निरीक्षकों की भूमिका सुविधा प्रदान करने वाली: मांडविया
श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल ही में लागू किए गए श्रम कानून के ‘मनमाने तरीके से नौकरी पर रखने व निकालने’ और ‘इंस्पेक्टर राज’ को बढ़ावा देने की चिंताओं को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया और कहा कि नए कानून रोजगार को संगठित रूप देंगे जबकि निरीक्षक चीजों को सुगम बनाने की भूमिका निभाएंगे। नए नियमों के तहत, 300 कर्मचारियों वाली इकाइयों में छंटनी, कर्मचारियों की कटौती एवं इकाइयों को बंद करने के लिए सरकारी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। पहले 100 कर्मचारियों वाली इकाइयों को ऐसी अनुमति की आवश्यकता नहीं थी।
मांडविया ने कहा, ‘‘ हमने देश में रोजगार को संगठित रूप दिया है और प्रति इकाई श्रमिकों की संख्या बढ़ाकर 300 कर दी है, जो पहले 100 थी।’’ उन्होंने कहा कि पहले नियोक्ता कानूनी झंझटों से बचने के लिए 100 श्रमिकों को औपचारिक रोजगार देते थे और बाकी को असंगठित रूप से नियोजित करते थे। मांडविया ने कहा कि नए नियमों ने इन बचे हुए श्रमिकों के रोजगार को संगठित रूप दे दिया है और उन्हें वे सभी लाभ मिलेंगे जो एक पंजीकृत कर्मचारी को मिलते हैं।



