इलाहाबाद बैंक की मलिहाबाद शाखा,लखनऊ से 35 वर्ष पहले धोखाधड़ी करके धोखेबाज ने ढाई हजार रुपये निकाल लिए थे। मामले के आरोपी मो0 मोबीन को विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (कस्टम) सुश्री छवि अस्थाना ने (Judgement) देते हुए पांच वर्ष के कठोर कारावास एवं तीन हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
अदालत ने अपने निर्णय (Judgement) में बैंक के शाखा प्रबंधक एवं लिपिक को लापरवाही का प्रथम दृष्ट्या दोषी मानते हुए निर्णय (Judgement) की एक प्रति इलाहाबाद बैंक के चेयरमैन को भेजी है। जिसमें कहा है कि वह अपने स्तर से इन कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करें।
अदालत ने अपने निर्णय (Judgement) में कहा है कि मलिहाबाद बैंक की शाखा के तत्कालीन लिपिक सन्तोष कुमार मलिहाबाद का मूल निवासी निकला। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि वादी के खाते से जब अभियुक्त ने पैसे निकाले तब वह उसे कैसे पहचान नहीं सका। यह बात समझ में नहीं आती और उपेक्षा एवं लापरवाही को स्पष्ट करने के साथ ही संशय भी उत्पन्न करती है।
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