
महंगाई के मोर्चे पर झटका, जून में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 4.81% हो गई
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारत की खुदरा मुद्रास्फीति या उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जून में बढ़कर 4.81 प्रतिशत हो गई, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक की सहनशीलता सीमा के भीतर रही।
सब्जियों की कीमतों में उछाल के कारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पांच महीने में पहली बार मई में 4.31 प्रतिशत से बढ़कर 4.81 प्रतिशत हो गया। उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) मई में 2.96 प्रतिशत से बढ़कर जून में 4.49 प्रतिशत हो गया।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार मई में भारत का औद्योगिक उत्पादन एक साल पहले के 19.7 प्रतिशत के मुकाबले 5.2 प्रतिशत बढ़ गया। देश में फुटकर महंगाई दर मई में घटकर 4.25% पर आ गई थी।
यह 25 महीनों में महंगाई का सबसे निचला स्तर था। अप्रैल 2021 में महंगाई 4.23% रही थी। खाने-पीने की चीजों के दाम में गिरावट के कारण महंगाई में यह कमी आई थी। इससे पहले अप्रैल 2023 में रिटेल महंगाई दर 4.70% रही थी।