एडीटोरियल

Jerusalem के खिलाफ वोट देकर भारत ने गलती की

ये ​फिलीस्तिीन सरकार का ही स्टैण्ड होगा, जिसे वहॉं के राजदूत ने करके दिखा दिया। य​ह अकेले राजदूत के दम का नहीं है कि वह अपनी मर्जी से ऐसा स्टैण्ड ले सके।

भारत और इस्राइल के संबंधों में एनडीए सरकार के पिछले कार्यकाल में संबंध मजबूत होने शुरू हुए थे। 2000 में तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने इस्राइल का दौरा किया था।

इसके बाद यूपीए के शासनकाल में भले ही राजनीतिक संबंध मजबूत न हुए हों, लेकिन तभी से इस्राइल से भारत के रक्षा और व्यापार संबंध सुधरते गए। मौजूदा एनडीए सरकार में दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होते गए।

भारत ने फिलहाल इस्राइल और फिलिस्तीन दोनों देशों से संबंध बनाए रखने की रणनीति अपनाई। लेकिन लगता है भारत सरकार इजराइल सरकार की खुशी में शामिल ना होकर गलती कर गई।

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