51 साल बाद मिला Jammu-Kashmir को राज्यपाल
बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार यह चाहती थी कि Jammu-Kashmir में ब्यूरोक्रेट या रिटायर्ड जनरल की बजाए किसी राजनेता को भेजा जाए, जो वहां की जनता से संवाद कायम कर सके।
सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल के लिए दो और पूर्व मुख्यमंत्रियों के नामों पर भी विचार किया गया, लेकिन अंत में सत्यपाल मलिक का नाम ही फाइनल किया गया।
जेडीयू के एक नेता के मुताबिक, मलिक Jammu-Kashmir के नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद के करीबी माने जाते हैं। सईद के साथ वह जनता दल में रहे हैं। मलिक के करीबी सूत्रों के मुताबिक उन्होंने बिहार में राज्यपाल रहने के दौरान बी0एड0 संस्थानों के साथ ही विश्वविद्यालयों में भी सुधार लाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
उन्होंने मुजफ्फरपुर कांड के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार को सख्त चिट्ठी भी लिखी थी और फास्ट-ट्रैक कोर्ट में इसकी जल्द सुनवाई करने की मांग भी की थी।