अगर रिपोर्ट खिलाफ है तो न्यायाधीश की राज्यसभा में होगी पेशी। उसके बाद वोटिंग की जाएगी। प्रस्ताव की जीत के लिए 123 वोट जरूरी हैं। लेकिन अभी जिन 7 दलों ने Impeachment का प्रस्ताव रखा है, उनके उच्च सदन में सिर्फ 78 सांसद हैं। यानी प्रस्ताव गिरना लगभग तय है।
अगर यह प्रस्ताव मंजूर हुआ तो तीन सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा, जोकि आरोपों की जांच करेगी। इस 3 सदस्यीय समिति में सुप्रीम कोर्ट के एक मौजूदा जज, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और एक कानून विशेषज्ञ होंगे। समिति आरोपों की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। यानी समिति में एक भी सांसद नहीं है।
अगर इस मुद्दे पर विपक्ष एक हुआ तो वह राज्यसभा में जीत जाएगा, जिसके बाद लोकसभा में पेशी होगी, लेकिन संख्याबल के मुताबिक वहां विपक्ष की हार तय है। बड़ी बात यह भी है कि इस प्रक्रिया में 6 महीने से अधिक समय लगेंगे। और तब तक चीफ जस्टिस (2 अक्टूबर को) रिटायर हो चुके होंगे।
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