नेशनल मेडिकल कमीशन बनाने के सरकार द्वारा बिल पेश करने के विरोध में इण्डियन मेडीकल एसोसियेशन (IMA) ने आज (मंगलवार) को 12 घंटे हड़ताल की कॉल की है। लेकिन इसे लेकर शहर के डॉक्टर्स एकजुट नहीं है। हड़ताल का साथ नीमा और आइडीए के सदस्य नहीं देंगे, इसी भय से उन्हें इस हड़ताल में शामिल होने की अपील नहीं की है।
आईएमए का हड़ताल पर जाने का आव्हान बीमार लोगों एवं सरकार के खिलाफ किया जाने वाला कदम है। क्या IMA (एसोसियेशन) का यही उद्देश्य है कि वे व्यक्तिगत फायदे के लिए ही कार्य करे? ऐसी IMA (एसोसियेशन) का तो पंजीकरण रद्द कर देना चाहिए, जो सरकार के कामकाज में रूकावट डाले और सरकार को ही अर्दब में लेने की कोशिश करे।
डॉक्टर्स का कहना है कि अगर यह बिल पास हुआ तो मेडिकल के इतिहास में काला दिन होगा। इसकी वजह से इलाज महंगा होगा और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। इस बिल के लागू होने से निजी मेडिकल कॉलेजों पर सरकार का शिकंजा मज़बूत होगा।
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