HC Allahabad की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इलेक्ट्रानिक चिप लगाकर डीजल और पेट्रोल की घटतौली करने के मामले में जांच को लेकर गंभीर नाराजगी जतायी है। HC ने कहा कि जांच अधिकारी द्वारा अपनायी गयी जांच प्रक्रिया संदेह से मुक्त नहीं है। जांच प्रक्रिया के सरलीकरण की बजाय जांच अधिकारी ने उसे पेचीदा बना दिया।
पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह पेट्रोल पंप की मशीनों में ‘कोलेप्सेबिल पल्सर’ जैसे उपकरण लगाना सुनिश्चित करे क्योंकि ये उपकरण धांधली से बचाते हैं। अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि वह तेल कंपनियों के साथ विचार विमर्श कर चार महीने के भीतर आदेश का कार्यान्वयन करें।
न्यायमूर्ति ए आर मसूदी की पीठ पेट्रोल पंप मालिकों की ओर से निचली अदालत के फैसलों के खिलाफ दायर अपीलों पर सुनवाई कर रही थी। HC ने निर्देश दिया कि पुलिस अधीक्षक नगर (उत्तर) जांच अधिकारी से जांच कार्य लेकर जिला जज की मदद से आगे की जांच करें।
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