कोर्ट स्थानांतरित करने की अपील, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा Rayon group का अधिकारी
नई दिल्ली। Rayon group के एक अधिकारी ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय का रूख कर छात्र की हत्या के मामले की सुनवायी सोहणा स्थित स्थानीय अदालत से बाहर स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बार एसोसिएशन ने इस सनसनीखेज मामले में आरोपी की पैरवी करने से वकीलों को प्रतिबंधित कर दिया है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अमिताव रॉय और न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर की पीठ ने वरिष्ठ वकील के टी एस तुलसी की इस दलील पर विचार किया कि अपनी पसंद के वकील के जरिए पैरवी करवाने के एक व्यक्ति के मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है।
पीठ ने रेयान समूह के उत्तरी जोन के प्रमुख फ्रांसिस थॉमस के वकील को आश्वासन दिया है कि वह 18 सितंबर को याचिका पर सुनवायी करेगी। गत शुक्रवार को स्कूल में एक छात्र की हत्या के संबंध में थॉमस को सोमवार को गिरफ्तार किया गया। तुलसी ने आरोप लगाया कि हरियाणा में सोहणा तथा गुडगांव के बार एसोसिएशनों ने अपने सदस्य वकीलों से कहा है कि वे सात वर्षीय प्रद्युमन की नृशंस हत्या के आरोपी या किसी व्यक्ति की पैरवी ना करें। तुलसी ने कहा, ‘‘अनुच्छेद 21 (जीवन और निजी स्वतंत्रता के अधिकार) के तहत मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया जा रहा है।’’ उन्होंने उच्चतम न्यायालय इस मामले की सुनवायी को हरियाणा में सोहणा के बाहर स्थानांतरित करने पर विचार करने का अनुरोध किया। गौरतलब है कि गुड़गांव स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल के शौचालय में आठ सितंबर की सुबह दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युमन की गला काटकर हत्या कर दी गई थी।
पुलिस ने आरोप लगाया कि 42 वर्षीय बस कंडक्टर अशोक कुमार ने बच्चे का यौन शोषण करने की कोशिश की लेकिन बच्चे द्वारा इसका विरोध करने पर उसने चाकू से उसकी हत्या कर दी। उच्चतम न्यायालय इस संबंध में प्रद्युमन के पिता और न्यायालय की दो महिला वकीलों की याचिकाओं पर भी सुनवायी कर रहा है। लड़के के पिता ने इस मामले की जांच सीबीआई या एसआईटी से कराने की मांग की है जबकि महिला वकीलों ने बाल सुरक्षा की शर्तों को कठोर बनाने और देशभर में स्कूल जाने वाले बच्चों की यौन शोषण और हत्या जैसे अपराधों से रक्षा करने के लिए मौजूदा दिशा निर्देशों को लागू करने मांग की है। लापरवाही बरतने वाले स्कूलों को राज्य से मिलने वाला अनुदान जब्त करने तथा उनके लाइसेंस रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर अदालत छात्र के पिता की याचिका के साथ 15 सितंबर को सुनवायी करेगी।