मालेगांव मामले में कर्नल Shrikant Prasad Purohit को जमानत, 9 साल बाद आएंगे बाहर
दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल Shrikant Prasad Purohit की जमानत आज मंजूर कर ली। न्यायमूर्ति आरके अग्रवाल और न्यायमूर्ति एएम सप्रे की पीठ ने पुरोहित की याचिका पर 17 अगस्त को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। पुरोहित के लिए यह बड़ी राहत की बात है क्योंकि वह 9 साल बाद जेल से बाहर आयेंगे। उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के विरोध के बावजूद इस आधार पर संभवतः जमानत दी गयी कि इस मामले के बाकी सभी सह आरोपी जमानत पा चुके हैं।
जमानत याचिका पर सुनवायी के दौरान पुरोहित की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा था कि वह पिछले नौ वर्षों से जेल में बंद हैं लेकिन उसके खिलाफ अभी तक आरोप तय नहीं किए गए। उन्होंने कहा था कि उनके मुवक्किल के खिलाफ पहले ही मकोका के तहत लगाए गए आरोप हटा लिए गए हैं और इसलिए उसे अंतरिम जमानत मिलनी चाहिए। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने कहा था कि पुरोहित के खिलाफ कुछ सबूत हैं जिससे आरोप तय करने में मदद मिलेगी।
इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय ने पुरोहित की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उसके इस फैसले को चुनौती देते हुए पुरोहित ने शीर्ष न्यायालय का रुख किया था।उल्लेखनीय है कि उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव जिले में सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील मालेगांव शहर में 29 सिंतबर 2008 को हुए बम विस्फोट में सात लोग मारे गए थे।