
अनंत चतुर्दशी व्रत से जीवन की सभी समस्याओं का होता है अंत
अनंत चतुर्दशी व्रत का महत्व
- अनंत चतुर्दशी भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा का दिन है।
- इस दिन भगवान विष्णु के 14 रूपों की पूजा की जाती है।
- अनंत चतुर्दशी के दिन अनंत सूत्र धारण करने से सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
- अनंत चतुर्दशी के दिन व्रत रखने और अनंत सूत्र धारण करने से धन, धान्य, सुख-संपदा और संतान प्राप्ति होती है।
अनंत चतुर्दशी व्रत की पूजा विधि
- अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें और उस पर कुश से बने अनंत की स्थापना करें।
- एक डोरी या धागे में कुमकुम, केसर तथा हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र बना लें।
- उसमें 14 गांठें लगाएं और इस सूत्र को भगवान विष्णु को अर्पित करें।
- भगवान विष्णु की आरती करें और अनंत मंत्र का जाप करें।
- अनंत चतुर्दशी के दिन एक बार ही भोजन करें और गरीब ब्राह्मण को दान दें।
अनंत चतुर्दशी व्रत की कथा
प्राचीन काल में सुमंत नामक ब्राह्मण के घर सुशीला नाम की एक सुंदर कन्या थी। सुशीला ने अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा और अनंत सूत्र धारण किया। अनंत सूत्र के प्रभाव से सुशीला के पति कौणिडन्य को धन-धान्य और सुख-संपदा प्राप्त हुई।
एक दिन सुशीला ने अपने पति को अनंत सूत्र के बारे में बताया। कौणिडन्य ने अनंत सूत्र को तोड़ दिया। इससे भगवान विष्णु नाराज हो गए और कौणिडन्य को सभी सुख-संपदा से वंचित कर दिया।
बाद में सुशीला और कौणिडन्य ने 14 साल तक अनंत चतुर्दशी का व्रत रखा। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न हुए और उन्हें वापस से सभी सुख-संपदा प्रदान की।
अनंत चतुर्दशी व्रत का शुभ मुहूर्त
28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:12 से शाम 6:49 तक है। इस दिन पूजा का मुहूर्त 12 घंटे 37 मिनट तक है।



