मुंबई। भारत और मलेशिया के बीच व्यापारिक सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से मलेशियाई पाम ऑयल काउंसिल (एमपीओसी) और ऑयल टेक्नोलॉजिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ओटीएआई) ने एक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है।
एमपीओसी और ओटीएआई ने शुक्रवार को संयुक्त बयान जारी कर कहा कि इस सहयोग के तहत भारतीय बाजार में मलेशियाई पाम ऑयल के पोषण संबंधी लाभों और स्वास्थ्य विशेषताओं को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
भारत को मलेशियाई पाम ऑयल का अहम बाजार मानते हुए, इस साझेदारी का उद्देश्य पाम ऑयल से जुड़ी गलतफहमियों को दूर करना और इसके स्वास्थ्य एवं औद्योगिक उपयोगों को उजागर करना है। यह पहल उपभोक्ता जागरूकता, उद्योग संवाद और वैज्ञानिक अनुसंधान को प्राथमिकता देगी।
एमपीओसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बेलविंदर स्रॉन ने इस सहयोग की सराहना करते हुए कहा, “भारत मलेशियाई पाम ऑयल के लिए एक प्रमुख बाजार बना हुआ है और विज्ञान-आधारित पहलों के माध्यम से जागरूकता बढ़ाना इसकी स्वीकृति को मजबूत करने की कुंजी है।”
उन्होंने आगे कहा कि ओटीएआई जैसे संगठनों के साथ सहयोग से व्यापक उपभोक्ता वर्ग तक सही जानकारी पहुंचाई जा सकेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, पाम ऑयल ट्रांस फैट मुक्त होता है और विटामिन ई एंटीऑक्सीडेंट का समृद्ध स्रोत है। इसमें टोकोफेरोल और टोकोट्रिएनोल्स मौजूद होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाते हैं।
इसके अलावा पाम ऑयल में संतृप्त और असंतृप्त फैटी एसिड का संतुलित अनुपात होता है, जो समग्र स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। ओटीएआई भारत में तेल, वसा, ओलियोकेमिकल्स और सर्फेक्टेंट उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का एक प्रमुख संघ है। इसके दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, हैदराबाद और कानपुर में क्षेत्रीय कार्यालय हैं, जो तकनीकी विकास और अनुसंधान को बढ़ावा देते हैं।
इस सहयोग के तहत एमपीओसी और ओटीएआई सेमिनार, सम्मेलन और शैक्षणिक व्याख्यान आयोजित करेंगे, जिनमें भारतीय खाद्य उद्योग, उपभोक्ताओं और हितधारकों को मलेशियाई पाम ऑयल के लाभों से अवगत कराया जाएगा।
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