
AGR भुगतान के लिए Airtel ने चुना ये विकल्प, शेयर बेचने की लग गई होड़
टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल ने वित्त वर्ष 2018-19 तक के बकाया समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का भुगतान चार साल तक टालने का विकल्प चुना है। इस खबर के बाद शुक्रवार को एयरटेल के स्टॉक में भारी बिकवाली का माहौल रहा।
कारोबार के दौरान स्टॉक का भाव 1.30% से ज्यादा टूट गया। स्टॉक का भाव 675 रुपये के स्तर पर है, सुबह के कारोबार में यह 666 रुपये के स्तर तक लुढ़क गया। मार्केट कैपिटल की बात करें तो 3.70 लाख करोड़ रुपये है।
कितना बनता है बकाया: आपको बता दें कि एयरटेल ने कहा कि कंपनी ने पूर्व-भुगतान किस्त राशि का अधिकार अपने पास बरकरार रखा है। वहीं, बकाया ब्याज को इ्क्विटी में बदलने का विकल्प नहीं चुनेगी। सूत्रों के मुताबिक, अतिरिक्त समय के लिए करीब 3,000 करोड़ रुपये तक का बकाया बनता है।
भारती एयरटेल के मुताबिक, कंपनी ने दूरसंचार विभाग को यह सूचित कर दिया है। कि वह वित्त वर्ष 2018-19 तक के एजीआर बकाया को चार साल तक टालने का विकल्प चुनेगी। इसके साथ ही किस्तों के पूर्व-भुगतान का अधिकार भी अपने पास बरकरार रखेगी।
टेलीकॉम कंपनियों का बकाया: बता दें कि सरकार दूरसंचार कंपनियों के एजीआर के आधार पर उनसे मिलने वाली राजस्व हिस्सेदारी की गणना करती है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दूरसंचार कंपनियों को वर्ष 2018-19 तक के लिए 1.65 लाख करोड़ रुपये एजीआर के तौर पर देनी है।