राष्ट्रीय

Adani विवाद पर पहली बार बोले Amit Shah, PFI और वाम उग्रवाद पर भी कही बड़ी बात

अडाणी विवाद पर विपक्ष का हंगामा जारी है। विपक्ष का कहना है कि सरकार इस मुद्दे पर देश से बहुत कुछ छिपा रही है और सच बोलने के लिए तैयार नहीं है। वहीं सरकार का कहना है कि कुछ भी गलत नहीं हुआ है और नियामकीय तंत्र मजबूत तथा सतर्क हैं। इसी के साथ ही सरकार ने उच्चतम न्यायालय को भी बताया है।

कि शेयर बाजार के लिए नियामकीय तंत्र को मजबूत करने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करने संबंधी प्रस्ताव को लेकर उसे कोई आपत्ति नहीं है। वहीं अडाणी विवाद पर पूछे जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है। इसलिए कैबिनेट का सदस्य होने के नाते इस समय इस मुद्दे पर मेरा कुछ भी बोलना सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वैसे इसमें भाजपा के लिए कुछ छुपाने के लिए नहीं है और न ही किसी बात से डरने की जरूरत है।

समाचार एजेंसी एएनआई को दिये साक्षात्कार में अमित शाह ने कई मुद्दों पर बातचीत की। उन्होंने साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के संदर्भ में कहा कि अगले आम चुनावों में भी कोई स्पर्धा नहीं है, देश एकतरफा मोदी के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तक तो लोकसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी का लेबल भी जनता ने किसी को नहीं दिया है।

आजकल देश में कई शहरों के नाम बदले जाने के मुद्दे पर अमित शाह ने कहा कि एक भी शहर ऐसा नहीं है जिसका पुराना नाम न हो। उन्होंने कहा कि इस पर बहुत सोच समझकर हमारी सरकारों ने फैसले लिए हैं और हर सरकार का ये विधायी अधिकार है।

पीएफआई और वाम उग्रवाद संबंधी प्रश्न पर अमित शाह ने कहा कि PFI कैडर पर कई मामले थे लेकिन उन्हें समाप्त करने का काम कांग्रेस ने किया, जिसे कोर्ट ने रोका और हमने PFI को सफलतापूर्वक बैन किया। उन्होंने कहा कि PFI देश में धर्मांधता और कट्टरता बढ़ाने वाला संगठन था। अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद का एक प्रकार से सामग्री तैयार करने का काम वे लोग कर रहे थे।

अमित शाह ने साथ ही कहा कि बिहार और झारखंड में वामपंथी उग्रवाद लगभग समाप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि छत्तीसगढ़ में भी कुछ ही समय में शांति बहाल करने में हम सफल होंगे। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से संबंधित सभी प्रकार के आंकड़े सबसे अच्छी स्थिति में हैं।

उत्तर-पूर्व के बारे में अमित शाह ने कहा कि PM मोदी ने उत्तर-पूर्व और भारत के बाकी के हिस्सों के बीच जो मन की दूरी थी उसे समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि आज उत्तर-पूर्व के लोगों को मन से लगता है कि बाकी हिस्सों में हमारा सम्मान है। बाकी राज्यों से लोग उत्तर-पूर्व जाते हैं तो वे उनका भी सम्मान करते हैं।

जी-20 के संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर मोदी जी के समय में G-20 का नेतृत्व भारत को मिला है और G-20 यशस्वी तरीके से संपन्न होता है तो इसका यश मोदी जी को मिलना ही चाहिए। क्यों न मिले?अगर प्रोडक्ट अच्छा है तो उसे गाजे बाजे के साथ मार्केट करना ही चाहिए।

इसके अलावा संसद के बजट सत्र के पहले चरण के दौरान विपक्ष के अमर्यादित व्यवहार के खिलाफ की गयी कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि संसद की कार्यवाही एक्सपंज वाक्यों से भरी पड़ी है। उन्होंने कहा कि संसद में नियमों के हिसाब से बहस करनी होती है, संसदीय भाषा में करनी होती है।

 

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