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भगवान रामलला की छह बार होगी आरती, लगाया जाएगा राजभोग

जनवरी 2024 का पूरे भारत को बेसब्री के साथ इंतजार है। सिर्फ अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरा देश उस ऐतिहासिक समय का इंतजार कर रहा है जब रामलला वर्षों के लंबे इंतजार के बाद अपने गर्भगृह में विराजमान होंगे।

इस बेहद शुभ मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की पहली आरती करेंगे। ये वो मौका होगा जब पूरे देश में दिवाली जैसा जश्न मनाया जाएगा और देश की जनता घर बैठे ही अयोध्या में रामलला की पहली आरती होते हुए घर से ही देख सकेंगे।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट नवनिर्मित मंदिर में रामलला के विराजमान होने से पहले कई बैठकें कर रहा है। इसी बीच कारसेवकपुरम में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक हई है।

इस बैठक में रामलला के पूजन अर्चना के कार्यक्रम को लेकर कई अहम सुझाव देखने को मिले है। इन सुझावों पर अब तक मुहर नहीं लगी है। मगर ये सुझाव वैष्णव संप्रदाय की परंपराओं के अनुसार ही सामने आई है।

गौरतलब है कि नवनिर्मित राममंदिर में भगवान रामलला को विराजमान करने का मुहूर्त तय हो चुका है। माना जा रहा है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 16 जनवरी से 24 जनवरी के बीच होगी और इस दौरान विधि विधान के साथ कई अनुष्ठान किए जाएंगे।

उनके विराजमान होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी पहली आरती उतारेंगे। इस दौरान कई साधु संत और अतिथि मौजूद होंगे।

इसी बीच राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद श्रीराम लला की दिनचर्या क्या होगी और उनकी आरती व भोग कैसे होंगे इसे लेकर भी बैठक में च्रचा हुई है।

इस चर्चा में सामने आया है कि रामलला के मंदिर में विराजमान होने के बाद उन्हें बेहद ठाठ के साथ रखा जाएगा। नित्य उनका पंचामृत व सरयू नदी के जल से अभिषेक किया जाएगा।

सरयू नदी का जल लाने के लिए विशेष वाहन नियुक्त किया जाएगा। इस पर छत्र चंवर धारी परिचायक नियुक्त होगा।

बैठक में चर्चा हुई कि रामलला के नित्य पूजन किए जाने की पूरी विस्तृत व्यवस्था क्या होगी इस पर भी विचार होगा।

बैठक में श्रीरामलला की समय सारिणी को लेकर सुझाव भी आया है जिसके अनुसार रामलला का दर्शन अभिषेक स्नान और श्रृंगार के बाद सुबह सात से 7.30 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए होगा।

स्नान के बाद उन्हें भोग लगाया जाएगा जो बेहद शानदार होगा। ये राजभोग होगा जो विधि विधान के साथ उन्हें अर्पित होगा।

राजभोग अर्पित करने का समय संभावित रूप से 12 से 12.30 बजे के बीच हो सकता है। राजभोग के बाद उन्हें शयन कराया जाएगा जो लगभग चार घंटे का होगा।

इसके बाद सांयकाल के लिए उन्हें उठाया जाएगा। यानी 3.30 से चार बजे के बीच उन्हें गीत गवनई के साथ जगाया जाएगा।

इसके बाद सांयकालीन भोग और आरती की तैयारी की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक सांयकालीन भोग अर्पित करने का समय 9 से 10 बजे के बीच का चुना गया है।

माना जा रहा है कि रोजाना छह बार श्रीरामलला की आरती की जाएगी।

इसमें पहली आरती उन्हें जगाने पर, दूसरी स्नान के बाद, तीसरी राजभोग के समय, चौथी आरती दोपहर में रामलला को जगाने पर, पांचवी आरती सांयकाल में और छठी व अंतिम आरती शयन के समय कराई जाएगी।

बता दें कि विभिन्न परंपराओं के मुताबिक अलग-अलग राय बैठक में सभी के समक्ष रखी गई है। हालांकि अबतक किसी भी सुझाव पर अंतिम मुहर नहीं लगी है।

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