
हिमाचल-कर्नाटक के चुनावों को लेकर रणनीति बनाने में जुटी बीजेपी
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद अब भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति बनाने में जुट गया है। हिमाचल प्रदेश में इस साल के आखिर में चुनाव होना है, जबकि कर्नाटक में अगले साल चुनाव होगा।
हिमाचल की रणनीति तैयार करने में जुटी बीजेपी
हिमाचल प्रदेश में बीते एक लोक सभा और तीन विधानसभा के उपचुनाव में बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा था। यहां कांग्रेस की तरफ से उसे कड़ी चुनौती मिलती दिखाई दे रही है। क्योंकि यह पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का राज्य है। ऐसे में सारे फैसले नड्डा ही लेंगे। जेपी नड्डा ने प्रदेश अध्यक्ष और संगठन मंत्री के साथ दिल्ली में बैठक भी की है।
इसमें उपचुनाव में पार्टी को मिली हार से लेकर अब तक बनी स्थितियों की व्यापक समीक्षा की गई। हिमाचल प्रदेश में इस साल के आखिर में चुनाव होने हैं। हिमाचल प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन शायद ही किया जाए। लेकिन संगठन के स्तर पर कुछ तब्दीलियां की जा सकती हैं। फिलहाल पार्टी नेतृत्व बदलाव करने से ज्यादा रणनीति बनाने की तरफ ध्यान दे रहा है।
हिमाचल के साथ-साथ बीजेपी कर्नाटक पर भी ध्यान दे रही है। दरअसल कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन के बाद भी सत्ता और संगठन में तालमेल नहीं बन पा रहा है। इसीलिए अमित शाह ने खुद कर्नाटक जाकर भाजपा की कोर कमेटी की बैठक कर स्थिति की समीक्षा की है।
कर्नाटक में जल्द किया जाएगा मंत्रिमंडल विस्तार
सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक में जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा। इस मंत्रिमंडल विस्तार में सामाजिक संतुलन को भी ध्यान में रखा जाएगा। प्रदेश संगठन में भी कुछ तब्दीलियां की जाएंगी। दरअसल बसवराज बोम्मई के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद सत्ता और संगठन में तालमेल में कमी आई है। 2019 में यदुरप्पा के मुख्यमंत्री बनने के बाद नलिन कतिल ने अध्यक्ष पद की कमान संभाली थी। अब संभावना जताई जा रही है कि अध्यक्ष के पद पर बदलाव हो सकता है।
भाजपा नहीं देना चाहती कांग्रेस को मौका
भाजपा और कांग्रेस में कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में लगभग सीधी लड़ाई है। हालांकि कर्नाटक में जनता दल (एस) भी प्रभाव रखती है। ऐसे में भाजपा इन दोनों राज्यों को लेकर सावधानी बरत रही है। क्योंकि अगर भाजपा और कांग्रेस की सीधी लड़ाई में कांग्रेस कहीं भी भाजपा पर हावी होती हुई दिखाई देती है तो, 2024 में भाजपा के कांग्रेस मुक्त भारत में चुनाव कराने की योजना पर प्रभाव पड़ेगा। इसलिए भाजपा चाहती कि इन राज्यों में कांग्रेस को किसी भी तरह का मौका मिले जिससे वह भाजपा पर हावी होती नजर आए।