
सचिवालय संघ ने सीएम को पत्र लिखकर की मांग
सचिवालय संघ ने कोरोना वायरस के तेज संक्रमण को देखते हुए अनिवार्य सेवाओं को छोड़कर सचिवालय सहित प्रदेश के समस्त शासकीय व अर्द्धशासकीय कार्यालयों को बंद कराकर वर्क फ्रॉम होम व्यवस्था लागू करने की मांग की है। इसके अलावा कोरोना संक्रमण से मृत्यु की दशा में मृतक आश्रितों को 50 लाख की एकमुश्त अनुग्रह राशि देने का भी आग्रह किया है।
सचिवालय संघ के सचिव ओंकार नाथ तिवारी ने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने बताया कि कोरोना महामारी में अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए सैकड़ों सचिवालय कर्मचारी व अधिकारी संक्रमित हुए हैं। यथोचित उपचार के अभाव में कई कार्मिकों की दुखद मृत्यु हो चुकी है।
तमाम कार्मिक अभी भी जीवन और मृत्यु से संघर्ष कर रहे हैं। सामान्य नागरिकों व कर्मचारियों के साथ ही साथ प्रांतीय व भारतीय प्रशासनिक सेवा के कई अधिकारियों, विधायकों, सांसदों, मंत्रियों व अन्य सांविधानिक पदों पर बैठे कई लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाया नहीं जा सका। यह क्रम अभी भी बदस्तूर जारी है।
उन्होंने कहा कि वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन, प्रधानमंत्री, मुख्य मंत्री व अन्य विशेषज्ञ लगातार अपील कर रहे हैं कि घर में रहें, सुरक्षित रहें, बिना किसी आवश्यक कार्य के घर से बाहर न निकलें। ऐसी स्थिति में कोरोना संक्रमण से बचाव, रोकथाम व अनिवार्य सेवाओं से जुड़े विभागों को छोड़कर सचिवालय सहित पूरे प्रदेश के समस्त कार्यालयों के लिए ’वर्क फ्रॉम होम’ की व्यवस्था शुरू कर देनी चाहिए।
मिश्र ने कहा है कि संक्रमित कार्मिकों की मृत्यु कोरोना की समुचित दवा, उपचार उपलब्ध न होने के कारण ही हो रही है। ऐसी अकल्पनीय एवं असामयिक मृत्यु की दशा में मृतकों के आश्रितों को 50 लाख की एकमुश्त अनुग्रह राशि दिया जाना आवश्यक है।
सचिवालय प्रशासन विभाग ने मुख्य सचिव के निर्देशानुसार सचिवालय के समस्त विभागों में एक समय में 33 प्रतिशत कार्मिकों की उपस्थिति का आदेश जारी कर दिया है। सचिवालय में प्रतिदिन स्वीकृत जनशक्ति के 50 प्रतिशत कर्मी आएंगे। लेकिन एक समय में उनकी उपस्थिति 33 प्रतिशत तक ही होगी।



