राहुल गांधी का बड़ा बयान, जो डरे हुए हैं वो पार्टी छोड़ सकते है
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जो लोग हकीकत और भाजपा का सामना नहीं कर सकते वो पार्टी छोड़ सकते है। और निडर नेताओं को कांग्रेस में लाना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के पदाधिकारियों के साथ डिजिटल कार्यक्रम में कि जो लोग डरे हुए थे। वो कांग्रेस से बाहर चले गए। अपने संबोधन में राहुल ने कहा कि बहुत सारे लोग जो डरे हुए नहीं है। लेकिन कांग्रेस से बाहर हैं।
ऐसे सभी लोग हमारे हैं। उन्हें अंदर लाइए और जो हमारी पार्टी में है। और डरे हुए हैं उन्हें बाहर करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया। ये आरएसएस के लोग है। और उन्हें बाहर जाना चाहिए। उन्हें आनंद लेने दीजिए। हम उन्हें नहीं चाहते है। उनकी जरूरत नहीं है। हमें निडर लोगों की जरूरत है। यही हमारी विचारधारा है। यही आप लोगों को मेरा बुनियादी संदेश है। सिंधिया का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, उन्हें अपना घर बचाना था। वह डर गए और आरएसएस के साथ चले गए।
राहुल गांधी के इस बयान के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है। कि उन्होंने ऐसा किसके लिए कहा। राहुल गांधी की टिप्पणी इस मायने में महत्वपूर्ण है। कि पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस के कई नेता भाजपा में शामिल हो गए। इनमें सिंधिया और जितिन प्रसाद प्रमुख हैं। माना जा रहा है कि राहुल ने यह बयान सिंधिया और जितिन प्रसाद को साधने के लिए ही दिया होगा। राहुल गांधी का यह हमला तीखा था।
साथ ही साथ उन नेताओं को भी संदेश दिया गया जो पार्टी से नाराज चल रहे हैं। फिलहाल नाराज नेताओं की सूची लंबी है। गुलाम नबी आजाद, मनीष तिवारी, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, सचिन पायलट, मिलिंद दोवड़ा, संजय निरुपम जैसे नेता शामिल हैं। जी-23 के नेता भी लगातार पार्टी में सुधारों की वकालत करते रहे हैं। ऐसे में उन्हें भी पार्टी से नाराज माना जा रहा है। राहुल गांधी ने यह बयान सभी को एक संदेश के तौर पर दिया गया है।
राहुल गांधी यह दिखाना चाहते है। कि कांग्रेस अपनी वैचारिक के स्थिति पर मजबूती से कायम है। जो लोग इसके साथ नहीं चल सकते है। वह पार्टी छोड़ सकते हैं। राहुल का संदेश इस मायने में भी महत्वपूर्ण है। क्योंकि कुछ ऐसे नेता भी है। जो उनके अध्यक्ष पद के बीच में रोड़ा बन रहे हैं। ऐसे में राहुल उन्हें भी बड़ा संदेश देना चाहते हैं। सूत्र बता रहे हैं कि राहुल ने जब यह बयान दिया तो काफी आक्रमक तेवर दिखा रहे थे।
एक तरफ पार्टी की विचारधारा को पालन न करने वाले नेताओं को बाहर निकलने को कह दिया तो वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भाजपा से नहीं डरने की सलाह भी दे दी। जाहिर सी बात है राहुल इस परिस्थिति को समझते हैं। कि अगर पार्टी में वर्तमान की जो कलह है। उसको सुलझाना है।
तो अपने आप को मजबूती के साथ कार्यकर्ताओं के बीच में रखना पड़ेगा। साल 2019 के बाद से ही कांग्रेस में लगातार नूराकुश्ती हो रही है। अंतर्कलह और गुटबाजी की वजह से कांग्रेस को फिलहाल अध्यक्ष नहीं मिल पा रहा है।



