
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल बरेली इण्टरनेशनल विश्वविद्यालय, बरेली के चौथे दीक्षान्त समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई
प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल आज बरेली इण्टरनेशनल विश्वविद्यालय, बरेली के चौथे दीक्षान्त समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई। इस अवसर पर समारोह को सम्बोधित करते हुए उन्होंने ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी। राज्यपाल जी ने समारोह में उपस्थित सभी को आज गुरू गोविन्द सिंह जयन्ती की बधाई देते हुए कहा कि सिख गुरूओं का त्याग और बलिदान हम सभी को प्रेरणा देता है।
सफलता प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि उनकी उपलब्धियों के पीछे उनके अभिभावकों का अथक परिश्रम और उनके जीवन की कमाई समर्पित हुई है, इसलिए अच्छे कैरियर की चाह में उन्हें वृद्धावस्था में अकेला न छोड़े। उन्होंने वृद्धाश्रमों के निर्माण के पीछे भारतीय संस्कृति से विमुखता का जिक्र किया।
राज्यपाल ने समारोह में चिकित्सा की शिक्षा पूर्ण कर उपाधि प्राप्त करने वाले चिकित्सकों से उनके नोबल प्रोफेशन का उल्लेख करते हुए कहा कि वे मरीजों का भरोसा जीतें। चिकित्सक का सौम्य व्यवहार मरीज को ताकत देता है। उन्होंने बरेली इण्टरनेशनल विश्वविद्यालय द्वारा नई स्वास्थय सेवा शिक्षा प्रणाली में चिकित्सा की ऐलोपैथी प्रणाली के साथ अन्य प्रणालियों को भी एकीकृत करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। इसी क्रम में उन्होंने योग से होने वाले स्वास्थय लाभों की चर्चा भी की। राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय द्वारा कोरोना काल में योगदान, आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थय सेवाओं की उपलब्धता, धर्मार्थ रक्त प्रदान करने की सुविधा, टी0वी0 रोगियों के मुफ्त इलाज, शिक्षा में गुणवत्ता और विविधता बढ़ाने के लिए अन्य संस्थानों से एम0ओ0यू0 करने के लिए प्रशंसा की।
राज्यपाल जी ने अपने सम्बोधन में देश में हो रही जी-20 देशों की बैठकों का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के चार शहरों आगरा, वाराणसी, लखनऊ व ग्रेटर नोएडा में भी 01 दिसम्बर, 2022 से 30 नवम्बर, 2023 तक ये आयोजित हो रही हैं। उन्होंने सभी को इस महाइवेन्ट में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का आवाहन करते हुए कहा कि विदेशी भाषाओं का ज्ञान रखने वाले विद्यार्थी इन देशों के प्रतिनिधियों को अपने देश की विशेषताओं, पर्यावरण, लोकहित में सरकार द्वारा उठाये गए कदमों की जानकारी दें। अपने विश्वविद्यालय में नवाचारों, स्टार्टअप, अन्य विविध गतिविधियों की प्रदर्शनी एवं डिजिटली माध्यम से प्रचारित करके उन प्रतिनिधियों को उनसे परिचित कराएं।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल जी ने देश में मोटे अनाजों के घटते उत्पादन पर भी चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 60 के दशक में हमारे देश में कुल खाद्यान्न का 40 प्रतिशत उत्पादन मोटे अनाज के रूप में होता था। उन्होंने विश्वस्तर पर इसकी बढ़ती मांग, स्वास्थय की दृष्टि से इसके फायदे और इसके पोषक तत्वों के साथ-साथ इसके व्यंजनों की चर्चा भी की। उन्होंने जानकारी दी कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोेदी जी के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित कर दिया है।
इसी क्रम में राज्यपाल ने विश्व में कोरोना के पुनः बढ़ते प्रसार को देखते हुए सभी से कोरोना सम्बन्धी सावधानियाँ और ऐहतियात रखने को कहा। उन्होंने भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोविशील्ड और को-वेक्सीन की चर्चा करते हुए कोरोना के रोकथाम के लिए नवविकसित स्वदेशी नेजल वैक्सीन इनकोवैक के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने नेजल वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर अपने कोविड-19 वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल कर लिया है।
राज्यपाल ने समारोह में जल संचयन और भूजल संवर्द्धन का संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय वर्ष भर में जितना जल उपयोग में लाते हैं, उतने जल संचयन का प्रभावी उपाय करें। राज्यपाल जी ने समारोह में आए प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को पठन-पाठन की सामग्री भी वितरित की।
समारोह में राज्यपाल जी ने स्नातक के कुल 206 तथा परास्नातक की 107 विद्यार्थियों को उपाधि वितरित की। उन्होंने विशेष उपलब्धि प्राप्त करने वाले स्नातक के 22 तथा परास्नातक के 06 मेधावियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ0 केशव कुमार अग्रवाल, कुलपति डॉ0 अशोक कुमार अग्रवाल, शिक्षकगण एवं कर्मचारीगण तथा अन्य महानुभाव उपस्थित थे।