फ्लैश न्यूज

मुख्यमंत्री ने आकांक्षात्मक जनपद श्रावस्ती से स्कूल चलो अभियान का शुभारम्भ किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज आकांक्षात्मक जनपद श्रावस्ती से स्कूल चलो अभियान का शुभारम्भ किया। जनपद के संविलियन विद्यालय जयचंदपुर कटघरा में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज हम लगभग 02 वर्ष के बाद कोरोना जैसी महामारी पर एक प्रकार से प्रभावी अंकुश लगाने के बाद पुनः स्कूल चलो अभियान के साथ जुड़ रहे हैं। सभी को शिक्षा की आधारभूत इकाई बेसिक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि बहुत सारे बच्चे कोरोना कालखण्ड के दौरान विगत 02 वर्षों से स्कूल नहीं जा पाए। इसलिए प्रदेश सरकार द्वारा तय किया गया है कि स्कूल चलो अभियान के माध्यम से प्रत्येक बच्चे एवं परिवार को स्कूली शिक्षा से जोड़ा जाए, ताकि कोई भी बच्चा स्कूली शिक्षा से वंचित न हो पाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा एक मात्र साधन है, जो प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन का कारक बन सकती है। शिक्षा ही प्रत्येक नागरिक को एक सही दिशा दे सकती है। शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति के सर्वांगीण विकास की आधारशिला खड़ी कर सकती है। उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति सक्षम होगा तो समाज सक्षम होगा। समाज सक्षम होगा तो राष्ट्र स्वयं ही सशक्त होता हुआ दिखायी देगा। राष्ट्र को आधारभूत रूप से सक्षम होने के लिए जिस प्रयास की सर्वाधिक आवश्यकता होती है, वह यह है कि देश के प्रत्येक बच्चे को शिक्षित करें।

प्रत्येक व्यक्ति का नैतिक दायित्व एवं राष्ट्र के प्रति कर्तव्य बनता है कि वह अपने देश को दुनिया की एक ताकत बनाने के लिए प्रत्येक बच्चे को शिक्षित करने में सहयोग करे। शिक्षित करने के लिए आवश्यक है कि हम उसे स्कूल भेजें, स्कूल लेकर आएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में कोरोना महामारी से जान और जहान को बचाने का भरपूर प्रयास किया गया। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को बचाने के लिए निःशुल्क टेस्ट, उपचार एवं वैक्सीन की व्यवस्था की गई।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत का कोरोना प्रबन्धन देश व दुनिया में सराहा गया। उन्होंने कहा कि जिन देशों के पास भारत से अच्छी स्वास्थ्य की सुविधाएं हैं, वे देश भी बड़े पैमाने पर कोरोना से हुई मौतों को रोक नहीं पाए। भारत कोरोना महामारी पर नियंत्रण करने मंे सफल रहा। उन्होंने कोरोना से अपने परिजनों, मित्रों व सम्बन्धियों को खोने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल, 2020 में लॉकडाउन था, सारी गतिविधियां ठप थीं। देश में सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य होने के बावजूद प्रदेश में आज के दिन नाम मात्र के कोरोना के एक्टिव केस बचे हैं। आज जीवन से सम्बन्धित सभी गतिविधियां खुल चुकी हैं। 30 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैं। जिन लोगों के काम-धन्धे कोरोना महामारी के दौरान प्रभावित हुए थे, उनके लिए डबल इंजन की सरकार द्वारा प्रत्येक माह में दो बार निःशुल्क राशन उपलब्ध करवाने की कार्यवाही हो रही है। प्रवासी कामगार व श्रमिकों के लिए रोजगार सृजन की कार्यवाही भी युद्ध स्तर पर बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब समाज एक साथ खड़ा होकर नेतृत्व के साथ मिलकर लड़ाई लड़ता है तो उसका परिणाम सफल होता है। कोरोना महामारी से स्कूली शिक्षा सर्वाधिक प्रभावित रही। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में कोरोना कालखण्ड में तकनीकी का प्रयोग करते हुए ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य प्रारम्भ हुआ। प्रदेश सरकार स्नातक, परास्नातक के सभी छात्र-छात्राओं को टैबलेट, स्मार्ट फोन वितरण करने की कार्यवाही युद्ध स्तर पर आगे बढ़ा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद से जुड़े सभी प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं इस विभाग से जुड़े सभी अन्य कर्मी स्कूल चलो अभियान का हिस्सा बनें। साथ ही ग्राम पंचायत व नगर निकायों से जुड़े सभी जनप्रतिनिधियों से अपील है कि वे लोग इस बात को सुनिश्चित करें कि अगले एक महीने तक चलने वाले इस अभियान के क्रम मंे घर-घर जा कर स्कूली शिक्षा से वंचित बच्चों को नजदीक के स्कूल ले जा करके उनका रजिस्ट्रेशन करवाएं। साथ ही, इन बच्चों को यूनिफॉर्म, बैग, पाठ्य-पुस्तकें, जूता-मोजा, स्वेटर सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल चलो अभियान के तहत बच्चों को स्कूलों के साथ जोड़ने का कार्यक्रम सभी लोग एक साथ आगे बढ़ाएं तो इससे बढ़कर पवित्र कोई दूसरा कार्य नहीं हो सकता। श्रीमद्भगवद्गीता में कहा गया है कि ज्ञानवान बना देना ही जीवन का सबसे पवित्र कार्य है। इसका आधार शिक्षा ही बनती है। उन्होंने कहा कि जुलाई, 2017 में स्कूल चलो अभियान प्रारम्भ किया गया था। जब यह अभियान प्रारम्भ हुआ था, तब बेसिक स्कूली शिक्षा परिषद के स्कूलों में 01 करोड़ 34 लाख बच्चें अध्ययन कर रहे थे।

उस समय स्कूलों की स्थिति जर्जर थी। कक्षा, पेयजल की व्यवस्था, शौचालय की व्यवस्था मिड-डे-मील की सुविधा पुरसाहाल थी। बच्चों के स्कूलों में आने का समय अनिश्चित था। उनकी संख्या कम थी, स्कूल छोड़ने वालों की संख्या ज्यादा थी। वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा स्कूल चलो अभियान प्रारम्भ कर लगातार 03 वर्षों तक इस अभियान को आगे बढ़ाया गया।

तत्पश्चात मात्र 03 वर्ष में ही उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 01 करोड़़ 80 लाख बच्चों का नामांकन कराकर अध्ययन से जोड़ा गया। इससे प्रदेश में शिक्षा की आधारशिला मजबूत हुई। प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक बच्चे को बैग, पाठ्य-पुस्तकें, 02 यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, स्वेटर उपलब्ध करवाने की कार्यवाही की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से जनप्रतिनिधियों एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों, पुरातन छात्रों, समाज के जागरूक नागरिकों ने मिलकर एक अभियान प्रारम्भ किया। इसमें एक-एक विद्यालय गोद ले करके विद्यालयों में अच्छी फ्लोरिंग बना करके साफ-सफाई, वॉल पेंटिंग, पेयजल, फर्नीचर एवं शौचालय की व्यवस्था की गई।

उन्होंने स्वयं अपनी विधायक निधि से क्षेत्र में बेसिक शिक्षा के विद्यालयों में फर्नीचर उपलब्ध कराने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषदों के 01 लाख 58 हजार विद्यालयों में से 90 हजार से अधिक विद्यालयों में सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाओं से आच्छादित करने का कार्य हुआ। आज यह संख्या बढ़कर 01 लाख 34 हजार तक पहुंच चुकी है। शेष विद्यालयों को भी ऑपरेशन कायाकल्प से जोड़ना है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों यथा सांसदों, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों, जिला पंचायत अध्यक्ष, मेयर, नगर निकायों के अध्यक्षों, पार्षदों, प्रधान सहित अन्य सभी से आग्रह करते हुए कहा कि वे एक-एक विद्यालय गोद लेकर ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से सभी प्रकार की बुनियादी सुविधाओं से आच्छादित करते हुए भावी पीढ़ी के वर्तमान को सुधारने की दिशा में प्रयास करेंगे तो वह बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने में अपना योगदान दे पाएंगे।

प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में जितने बच्चे प्रदेश में पढ़ रहे हैं, देश के अनेक राज्यों एवं विश्व के विभिन्न देशों की उतनी आबादी नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को राज्य के इन बच्चों की प्रतिभा पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए, उन्हें उचित माहौल देना चाहिए। बच्चों के लिए विद्यालय में कोई फर्नीचर की व्यवस्था, कोई लाइब्रेरी बनाने में अपना योगदान दे सकता है, जिससे प्रदेश के सभी विद्यालयों में अध्ययन कर रहे बच्चों को अच्छी सुविधाएं मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पाठ्यक्रम में आमूल-चूल परिवर्तन किया गया है। एन0सी0ई0आर0टी0 के पाठ्यक्रम को बेसिक शिक्षा में लागू करने के साथ-साथ महापुरुषों की जीवनी से जोड़ने का भी कार्य किया गया है। स्कूल चलो अभियान को जनपद श्रावस्ती से प्रारम्भ किया गया है। इसका कारण है कि श्रावस्ती आकांक्षात्मक जनपद है।

श्रावस्ती भगवान बुद्ध से जुड़ा जनपद है। कहते हैं कि ज्ञान प्राप्ति के बाद भगवान बुद्ध ने अपनी आध्यात्मिक साधना के सर्वाधिक चतुर्मास श्रावस्ती जनपद में व्यतीत किये थे। भगवान बुद्ध ने कहा था कि ‘अप्प दीपो भवः’ अर्थात अपना दीपक स्वयं बनो। इसलिए स्वयं ही अपने आपको पहचानने की ताकत अर्जित करनी पड़ेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेसिक शिक्षा, शिक्षा की आधारभूत इकाई है। अगर यह शिक्षा मजबूत होगी तो अन्य शिक्षा भी मजबूत होती दिखायी देगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 के बाद से स्मार्ट क्लास के माध्यम से बच्चे लाभान्वित दिखायी दे रहे हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि यह संकल्प होना चाहिए कि कोई भी बच्चा स्कूल जाने से छूटने न पाए। प्रदेश में अगर कोई कामगार या श्रमिक काम के सिलसिले में कुछ महीनों के लिए आया है तो उनके बच्चों का भी प्रवेश स्कूल में करवाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 03 से 05 वर्ष के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी प्री-प्राइमरी के रूप में आगे बढ़ाने की कार्यवाही बढ़ानी होगी। 05 वर्ष से ऊपर के बच्चों को बेसिक शिक्षा के स्कूलों में भेजा जाए, जिससे वे पठन-पाठन से जुड़कर अपने भविष्य को संवारने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा का कायाकल्प होने से यह लोगों के जीवन में व्यापक परिवर्तन का कारक बनेगा।

प्रदेश के विकास को द्रुतगति से आगे बढ़ाने में सहायक होगा। उन्होंने आह्वान किया कि प्रधानाचार्य इन कार्यक्रमों की नियमित समीक्षा करें। बच्चों के रिपोर्ट कार्ड के साथ-साथ बच्चों के अभिभावकों के साथ एक वर्ष में तीन-चार बार बैठक करें। कक्षा अध्यापक जिस ग्राम पंचायत में पढ़ा रहा है, उस ग्राम पंचायत के एक-एक अभिभावक के साथ मिल कर बातचीत करें, जिससे स्कूली बच्चों की शिक्षा को बल मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा स्कूली बच्चों को सभी आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं। डी0बी0टी0 के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों के खाते में यूनिफॉर्म, बैग, जूते, मोजे की धनराशि भेजी जा रही है। उन्होंने बी0एस0ए0, ए0बी0एस0ए0, प्रधानाचार्य, शिक्षकगण एवं अन्य विभागीय कर्मियों से अपेक्षा की कि वे यह सुनिश्चित करें कि डी0बी0टी0 के माध्यम से प्राप्त धनराशि से बच्चों को निर्धारित वस्तुएं उपलब्ध अवश्य हों। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ आगे बढ़ाने की कार्यवाही के साथ कार्य करे। जिसमें ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, नगर विकास, बाल विकास पुष्टाहार सहित सभी विभागों को जोड़कर कार्य किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक विद्यालय के पास अपना खेल का मैदान एवं रचनात्मक गतिविधियांे को बढ़ाने के लिए उचित माहौल हो। साथ ही पेयजल की सुविधा, अच्छा पाठ्यक्रम, नियमित तौर पर शिक्षकों के रिफ्रेशर कोर्स होने चाहिए, जिससे वे समय-समय पर अपने को स्कूली शिक्षा व्यवस्था के अनुसार ढाल सके।

उन्होंने कहा कि तकनीकी से जुड़कर प्रेरणा ऐप का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए। जिससे भविष्य में कोई कोरोना जैसी महामारी आती है, तब स्कूली बच्चे शिक्षा से वंचित न होने पाएं। ऑनलाइन एजुकेशन के लिए स्मार्ट क्लासेज तैयार की जा रही हैं, जिससे बच्चों को स्मार्ट फोन व एल0ई0डी0 के माध्यम से घर में ही शिक्षित किया जा सके।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन सक्षम के अन्तर्गत 04 करोड़ रुपये की लागत से 300 स्मार्ट क्लास का लोकार्पण किया। उन्होंने प्रधानाध्यापकों को एल0ई0डी0 वितरित किये। छात्र नामांकन बढ़ाए जाने का सर्वाेत्तम उदाहरण प्रस्तुत करने वाले प्रधानाध्यापकों को सम्मानित करने के साथ-साथ मुख्यमंत्री जी ने 03 दिव्यांग बच्चों को सहायक उपकरण वितरित किये।

उन्होंने 02 प्रधानाध्यापकों को पुस्तकों के सेट का वितरण किया। विद्यालय के बच्चों को भोजन भी परोसा। उन्होंने कक्षा-01 तथा कक्षा-06 में नवप्रवेशी के विद्यार्थियों को नामांकन प्रमाण-पत्र के साथ एजुकेशन किट प्रदान किया। कार्यक्रम के दौरान छात्राओं द्वारा आत्मरक्षा प्रशिक्षण तथा जिम्नास्टिक कला का प्रदर्शन किया गया।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संदीप सिंह ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में शिक्षा का उतना ही महत्व है, जितना व्यक्ति के जीवन में सांस लेना। व्यक्ति अपने जीवन की कल्पना बिना शिक्षा के नहीं कर सकता। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में स्कूल चलो अभियान का शुभारम्भ किया गया है।

उत्तर प्रदेश के प्रत्येक बच्चे तक शिक्षा की मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। उन्हांेने कहा कि स्कूलो चलो अभियान के तहत 04 अप्रैल से 30 अप्रैल, 2022 तक सभी जनप्रतिनिधि तथा शिक्षक गांव-गांव एवं घर-घर जाकर शिक्षा व्यवस्था से छूटे प्रत्येक बच्चे को जोड़ने का कार्य करेंगे।

इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा श्री दीपक कुमार सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे, शिक्षक-शिक्षिकाएं तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

राज्‍यों से जुड़ी हर खबर और देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए नार्थ इंडिया स्टेट्समैन से जुड़े। साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप को डाउनलोड करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button

mahjong slot

spaceman slot

https://www.saymynail.com/

slot bet 200

slot garansi kekalahan 100

rtp slot

Slot bet 100

slot 10 ribu

slot starlight princess

https://moolchandkidneyhospital.com/

situs slot777

slot starlight princes

slot thailand resmi

slot starlight princess

slot starlight princess

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

ceriabet

ceriabet

ceriabet

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

slot starlight princess

ibcbet

sbobet

roulette

baccarat online

sicbo