खेल-खिलाड़ी

फाइनल के लिए नहीं हो पाई तैयारी फिर भी विराट कोहली इस बात से हैं खुश

मुंबई – अगले महीने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल होना है। यह मुकाबला भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। यह प्रतिष्ठित मुकाबला 18 जून को साउथम्पटन में शुरू होगा। दोनों ही टीमें मजबूत हैं और अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं। इन सबके बीच भारतीय कप्तान विराट कोहली ने बड़ा बयान दिया है। विराट कोहली ने कहा कि हम सभी टेस्ट क्रिकेट खेलने से काफी गौरव महसूस कर रहे हैं। हमने एक टीम के रूप में जिस तरह की प्रगति की है वह इस बात का उदाहरण है कि टेस्ट क्रिकेट हमारे लिए क्या मायने रखता है। कोहली ने साफ तौर पर कहा कि वह डब्ल्यूटीसी फाइनल खेलने से बेहद खुश है। न्यूजीलैंड में हार से सीखे सबक के बारे में पूछने पर कोहली ने कहा, बेहतर टेस्ट क्रिकेट खेलो। बस यही सब कुछ है। हालात हमारे और न्यूजीलैंड दोनों के लिए समान होंगे।उन्होंने कहा, आस्ट्रेलिया के हालात आस्ट्रेलियाई टीम के अनुकूल होने चाहिए थे (लेकिन भारत जीता)। यह इस पर निर्भर करता है कि आप स्थिति को कैसे देखते हो। अगर आप चाहते हैं कि हम यहां से विमान में बैठें और महसूस करें कि न्यूजीलैंड का पलड़ा भारी होगा तो फिर वहां जाने को कोई मतलब नहीं है।

भारतीय कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री इंग्लैंड रवानगी से पहले संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन के दौरान कोहली ने यह भी कहा कि अपनी तैयारियों को लेकर वह चिंतित नहीं है। उनका मानना है कि अतीत में इंग्लैंड में खेलने का लगभग सभी खिलाड़ियों को अनुभव है ऐसे में बहुत ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। कोहली ने कहा कि हम यह जानते हुए विमान में बैठेंगे कि हमारे पास बराबरी का मौका है और जो भी टीम सत्र दर सत्र, घंटा दर घंटा अच्छा प्रदर्शन करेगी वह चैंपियनशिप जीतेगी। न्यूजीलैंड की टीम अभी इंग्लैंड के खिलाफ उसकी सरजमीं पर दो टेस्ट की श्रृंखला खेल रही है जबकि भारत को ब्रिटेन पहुंचने के बाद पृथकवास से गुजरना होगा और इसमें से तीन दिन होटल में ही रहना होगा। कोहली ने टीम की रवानगी से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में कहा, देखिए अतीत में भी हम पूर्ण कार्यक्रम तैयार होने के बावजूद सिर्फ तीन दिन पहले मेजबान देश में पहुंचे हैं और इसके बावजूद शानदार श्रृंखला हुई और हमने कड़ी प्रतिस्पर्धा पेश की, इसलिए ये सब चीजें दिमाग में होती हैं।कोहली ने जोर देते हुए कहा कि यह मानसिकता से जुड़ी चीज है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि हम पहली बार इंग्लैंड में खेल रहे हैं, हम सभी को पता है कि यहां के हालात कैसे होते हैं।और यहां तक कि अगर हालात किसी तरह के हालात के आदी हैं, लेकिन अगर सही मानसिकता के साथ मैदान पर नहीं उतरते हैं तो आप पहली ही गेंद पर आउट हो सकते हो या आपको विकेट हासिल करने में मुश्किल हो सकती है।

कोहली ने कहा कि अगर उनकी टीम को सिर्फ चार अभ्यास सत्र भी मिलते हैं तो उन्हें कोई समस्या नहीं है। इस स्टार बल्लेबाज ने कहा, हमें मैच से पहले चार अभ्यास सत्र में भी कोई समस्या नहीं है क्योंकि हम पूरी तरह सुनिश्चित हैं कि एक टीम के रूप में हम क्या कर सकते हैं और हम सभी इंग्लैंड में खेल चुके हैं। उन्होंने कहा, फिर यह भारतीय टीम के साथ हो या भारत ए के साथ, मोहम्मद सिराज जैसे खिलाड़ियों के लिए, इसलिए हम इससे परेशान नहीं हैं और हम सिर्फ मैदान पर उतरकर मौके का फायदा उठाना चाहते हैं।

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने बुधवार को संकेत दिया कि कोरोना महामारी के बीच क्रिकेटर जिस तरह मानसिक रूप से थकाऊ बायो बबल में रहने को मजबूर हैं। उसके मद्देनजर आने वाले समय में दो अलग अलग जगहों पर दो भारतीय टीमों का एक समय पर खेलना आम बात हो जायेगी। कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल और इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलने रवाना होगी। वहीं दूसरे दर्जे की भारतीय टीम जुलाई में सीमित ओवरों की श्रृंखला खेलने श्रीलंका जायेगी। कोहली ने कहा कि खिलाड़ियों को कार्यभार प्रबंधन ही नहीं बल्कि बायो बबल से होने वाली मानसिक थकान से रिकवरी के लिये भी ब्रेक की जरूरत है। उन्होंने रवानगी से पहले प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,मौजूदा ढांचे और लंबे समय से जिस तरह के ढांचे में हम खेल रहे हैं।उसमें खिलाड़ियों का जोश बनाये रखना और मानसिक ठहराव को पाना मुश्किल है।

उन्होंने कहा ,आप एक ही इलाके में कैद रहते हैं और रोज एक सी दिनचर्या रहती है। ऐसे में भविष्य में दो टीमों का एक समय पर अलग अलग जगहों पर खेलना आम बात होगी। भारतीय टीम को यहां 14 दिन पृथकवास में रहना पड़ा और ब्रिटेन पहुंचने पर भी पृथकवास में रहना होगा जो उतना कड़ा नहीं होगा। दुनिया भर के खिलाड़ियों ने बायो बबल में रहकर टूर्नामेंट खेलने की चुनौतियों के बारे में बात की है। कोहली ने कहा ,कार्यभार के अलावा मानसिक स्वास्थ्य का पहलू भी अहम है।उन्होंने कहा ,‘‘ आज के दौर में जब आप मैदान पर जाते हैं और कमरे में लौटते हैं तो आपके पास ऐसी कोई जगह नहीं होती कि आप खेल से अलग हो सकें। आप वॉक पर या खाने या कॉफी के लिये बाहर जा सकें और कह सकें कि मैं तरोताजा हो सकूं। कोहली ने कहा ,यह बड़ा पहलू है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। हमने यह टीम बनाने में काफी मेहनत की है और हम नहीं चाहते कि मानसिक दबाव के कारण खिलाड़ियों पर असर पड़े।
कोहली ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े पहलुओं को देखकर खिलाड़ियों के ब्रेक मांगने का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा , हमेशा एक ऐसा माध्यम होना चाहिये जिसके तहत खिलाड़ी प्रबंधन से कह सकें कि उन्हें ब्रेक की जरूरत है।यह बड़ा पहलू है और मुझे यकीन है कि प्रबंधन इसे समझता है। कोच रवि शास्त्री ने कहा कि मौजूदा शेड्यूल और पृथकवास ने खिलाड़ियों का काम मुश्किल कर दिया है। उन्होंने कहा , बात सिर्फ विश्व चैम्पियनशिप की नहीं है बल्कि छह सप्ताह में इस माहौल में पांच टेस्ट खेलने है जो मजाक नहीं है।उन्होंने कहा , सबसे फिट खिलाड़ियों को भी ब्रेक की जरूरत होगी। मानसिक पहलू को अनदेखा नहीं कर सकते।

भारतीय क्रिकेट टीम विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के शुरूआती मुकाबले में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलने को तैयार है लेकिन मुख्य कोच रवि शास्त्री मानते हैं कि लंबे समय में इस फाइनल को एक मैच के बजाय ‘बेस्ट ऑफ थ्री’ मुकाबला होना चाहिए। भारतीय टीम 18 जून से साउथम्पटन में न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाले विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में खेलने के लिये गुरूवार को तड़के ब्रिटेन रवाना होगी। इसके बाद टीम चार अगस्त से इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैच खेलेगी। शास्त्री ने रवानगी से पूर्व आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बुधवार को कहा, मुझे लगता है कि अगर वे इस टेस्ट चैम्पियनशिप अपनाना चाहते हैं तो भविष्य में ‘बेस्ट ऑफ थ्री’ फाइनल आदर्श होगा। ढाई साल के क्रिकेट के समापन के लिये तीन मैचों की श्रृंखला। उन्होंने कहा, लेकिन उन्हें भविष्य दौरा कार्यक्रम खत्म करने और फिर से शुरूआत करने की जरूरत है। इसलिये एकमात्र टेस्ट के लिये खिलाड़ियों ने इसमें खेलने का हक हासिल किया है और यह कोई ऐसी टीम नहीं है जो रातों रात की शानदार बन गयी हो।

भारतीय टीम 14 दिन के पृथकवास के बाद ब्रिटेन के लिये रवाना हो रही है जबकि न्यूजीलैंड को पहले ही अहम अभ्यास मिल गया है क्योंकि वह इंग्लैंड के खिलाफ दो मैचों की श्रृंखला खेल रही है। शास्त्री ने कहा कि डब्ल्यूटीसी फाइनल एक बड़ा मुकाबला है। भारतीय कोच ने कहा, देखिये, यह पहली बार है जब आप टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल देखोगे। जब आप इस मैच के महत्व को देखोगे तो मुझे लगता है कि यह बड़ा नहीं बल्कि काफी बड़ा है क्योंकि यह खेल का मुश्किल प्रारूप है। उन्होंने कहा, यह ऐसा प्रारूप है जो आपकी परीक्षा लेता है। यह तीन दिनों या तीन महीनों में नहीं हुआ।बल्कि यह दो से ज्यादा वर्षों में हुआ है जिसमें टीमें दुनिया भर में एक दूसरे के खिलाफ खेलीं और उन्होंने फाइनल खेलने का हक हासिल किया इसलिये यह काफी अहम मुकाबला है।

 

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