उत्तर प्रदेश

अस्पतालों में फायर सेफ्टी व्यवस्था की समीक्षा की जाए : मुख्यमंत्री

लखनऊ – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कोविड प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों में फायर सेफ्टी की व्यवस्था की भौतिक समीक्षा करने का निर्देश दिया हे। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। कोरोना के बीच देश के कई राज्यों में अस्पतालों में आग लगने की दुःखद घटना घटी। यह हमारी चाक-चौबंद व्यवस्थाओं का ही परिणाम था। कि प्रदेश में ऐसी दुर्घटना नहीं हुई। एक बार पुनः प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों की समीक्षा की जाए। जहां कमी व गड़बड़ी हो, वहां तत्काल व्यवस्था ठीक की जाए। यह काम अभियान के रूप में तत्काल किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी तहसीलों में फायर टेंडर की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 15 मिनट और शहरी क्षेत्र में अधिकतम 07 मिनट का रेस्पॉन्स टाइम सुनिश्चित किया जाए। उत्तर प्रदेश 29 करोड़ 93 लाख से अधिक कोविड टीके की डोज लगाने और 10 करोड़ 78 लाख से अधिक सैम्पल की जांच करने वाला एकमात्र राज्य है। 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 354 कोविड मरीज उपचाराधीन हैं। अन्य राज्यों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश की स्थिति बहुत संतोषप्रद है।

प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के हर नागरिक को टीका लग चुका है। 83% से अधिक पात्र वयस्क टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। 15-17 आयु वर्ग के लगभग 93 प्रतिशत किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है और 24 लाख पात्र लोगों को प्री-कॉशन डोज भी मिल चुकी है। 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों में से 07 लाख 19 हजार बच्चों को टीका कवर मिल चुका है। इसे सतत जारी रखा जाए। 12-14 आयु वर्ग का टीकाकरण तेज किया जाए।

विगत 24 घंटों में 01 लाख 30 हजार कोरोना टेस्ट किए गए, जिसमें मात्र 34 नए कोरोना पॉजिविट पाए गए। इसी अवधि में 49 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। कोरोना की हार तय है। सभी जिलों में इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर संचालित रखा जाए। ताकि किसी भी जरूरत पर लोग सीधा संपर्क कर सकें। एग्रेसिव टेस्टिंग और ट्रेसिंग, त्वरित ट्रीटमेंट और तेज टीकाकरण की नीति के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। उत्तर प्रदेश के कोविड प्रबंधन की आज विभिन्न वैश्विक संस्थाएं सराहना कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि 2020 मार्च में जब पहला कोविड केस मिला था। तब हमारे पास टेस्टिंग की सुविधा नहीं थी। हमें एनआईवी पुणे में सैम्पल की जांच करानी पड़ी थी। मरीज को दिल्ली भेज कर भर्ती कराना पड़ा था। आज हमारे सभी 75 जिलों में सैम्पल की जांच हो रही है। हर जिले में अस्पतालों की सुविधा में अभूतपूर्व सुधार किया गया है। उत्तर प्रदेश में चार संस्थानों में जीनोम सिक्वेंसिंग किया जा रहा है। इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर, वैक्सीनेशन का क्लस्टर मॉडल, निगरानी समिति जैसे हमारे प्रयास आज चहुंओर सराहना प्राप्त कर रहे हैं।

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