
अखिलेश यादव का योगी सरकार पर निशाना
लखनऊ/बहराइच – समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखीमपुर हिंसा में मारे गये बहराइच के दो किसानों के घर शुक्रवार को जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की और अपनी संवेदना प्रकट की। इस मौके पर उन्होंने दावा किया कि लोकतंत्र का गला घोंटकर सच को छिपाने वाली इस सरकार के अब सिर्फ 100 दिन बचे हैं। बहराइच रवाना होने से पहले यादव ने लखनऊ में पत्रकारों से कहा कि गृह राज्य मंत्री के बेटे को पूछताछ के लिए समन भेजना औपचारिकता है। और निष्पक्ष जांच के लिए मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।
यादव ने लखीमपुर हिंसा में मारे गए दो किसानों के परिवारों से मिलने के लिए बहराइच रवाना होने से पहले शुक्रवार को अपने आवास के बाहर पत्रकारों से कहा, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे को समन भेजना एक औपचारिकता है। उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद सरकार जागी है। मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए अन्यथा उनसे पूछताछ करने वाले अधिकारी को पहले उन्हें सलाम मारना होगा और फिर सवाल पूछना होगा और जाने से पहले उन्हें फिर से सलाम करना होगा। बहराइच से मिली खबर के मुताबिक सपा प्रमुख लखीमपुर हिंसा में मारे गये बहराइच निवासी दो किसानों के घर पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त की और मृतक किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत की।
अखिलेश ने मृतक दलजीत सिंह के परिजनों से नानपारा क्षेत्र के बंजारन टांडा गांव स्थित उनके आवास पर मुलाकात की। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान विपक्ष को पीड़ित परिवारों से मिलने से रोके जाने के सवाल पर कहा, यह सरकार वास्तविकता को छिपाना चाहती है। और पुलिस के दम पर सरकार चलाना चाहती है। उन्होने कहा, मानवाधिकार की सबसे ज्यादा नोटिस उत्तर प्रदेश सरकार को मिली है। और हिरासत में मौत के सबसे ज्यादा मामले भी उत्तर प्रदेश में ही सामने आए हैं। उन्होने सवाल किया कि यह कैसी कानून व्यवस्था है। जहां गरीब को न्याय नहीं मिल पा रहा, सच को मारकर लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा है। यादव ने कहा कि पत्रकार भी दबते-दबते ही सच्चाई की मदद कर पा रहे हैं। पत्रकारों से अखिलेश ने कहा कि आप अगर पुलिस का रवैया और सच दिखला दो तो आप पर भी एफआईआर हो जाएगी।
बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक टीवी कार्यक्रम में कहा था कि अखिलेश यादव सुबह 12 बजे तक सोते है। और शाम को टहलने निकल जाते हैं। योगी के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया मांगने पर अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री को हमारे सोने जागने का सब पता है लेकिन स्वयं को योगी कहलाने वाले मुख्यमंत्री की अपनी सरकार सो रही है। उनके गृह जनपद गोरखपुर में छह अपराधी एक व्यापारी को मारकर चले गए। बाबा मुख्यमंत्री सोते रह गए। यादव ने तंज किया कि अपराधी गाड़ी से कुचलकर फरार है। मुख्यमंत्री सो रहे हैं। गृह राज्य मंत्री का भाषण प्रसारित है।
जिसे सब देख रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री की आंखें बंद हैं। उन्होने सवाल किया घटना के वीडियो सामने आने व चश्मदीदों के बयानों के बावजूद सरकार लखीमपुर के मामले के न्याय में देरी क्यों कर रही है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि समाजवादी पार्टी किसान आंदोलन व पीड़ित परिवार के साथ पूरी ताकत से खड़ी है। बहराइच के ही मटेरा के मोहरनिया में मृतक किसान गुरविंदर सिंह के परिजनों को सांत्वना देने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश सरकार के सिर्फ 100 दिन बचे है। चार जनवरी की तारीख याद कर लीजिए, ये जो पुलिस वाले दिखलाई पड़ रहे है।
ये सब बदल जाएंगे। गौरतलब है कि 4 जनवरी 2017 को उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों की तारीखें चुनाव आयोग ने घोषित कर दी थीं। उसी दिन से नयी सरकार के गठन तक प्रदेश में चुनावी आचार संहिता लागू हो गयी थी। इससे पहले लखनऊ में मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के नेपाल भाग जाने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, अगर यह सच है। तो केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए और आरोपी को नेपाल से गिरफ्तार करवाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अपने नेताओं द्वारा किए गए अपराधों को छिपाती है और पार्टी में गुलदस्ते के साथ उनका स्वागत करती है। उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला करते हुए कहा, वीडियो और सबूत आ रहे हैं और प्रत्यक्षदर्शी यह बता रहे हैं कि किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाने के पीछे मंत्री का बेटा था।
यह दमदार (मजबूत) सरकार, जैसा कि इसके विज्ञापनों में दावा किया गया है। केवल ताकतवर लोगों के लिए है। उन्होंने कहा कि अगर सपा सत्ता में आती है तो सरकार किसानों को करोड़ों रुपये की मदद देगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास किसान परिवारों के लिए दो करोड़ रुपये नहीं हैं। अखिलेश ने बृहस्पतिवार को लखीमपुर का दौरा किया था। और हिंसा में मारे गए दो किसानों और एक पत्रकार के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी। गौरतलब है कि पिछले रविवार (तीन अक्टूबर) को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।