
राज्यपाल ने वीर बलिदानियों के परिजनों को किया सम्मानित
कारगिल युद्ध अत्यन्त विपरीत परिस्थतियों में भारतीय सेना के विजय की महान गाथा है। जिसमें सम्पूर्ण राष्ट्र का एक-एक नागरिक चट्टान की तरह हमारी सेनाओं के साथ खड़ा था। यह उद्गार उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल कारगिल विजय दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद एवं संस्कृति विभाग के तत्वावधान में सेन्ट जोसेफ स्कूल में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किये।

उन्होंने कहा कि सैनिकों को निश्चित रूप से यह देश प्रेम की भावना उनकी माताओं से ही प्राप्त होती है। इसी कारण से वह सैनिक बनते हैं। बचपन से ही ऐसी वीरांगनाएं अपने बच्चों के अन्दर देश-प्रेम की भावना कूट-कूटकर भरती हैं ताकि जब कभी देश की आन पर कोई बात आये तो अपनी जान की बाजी लगा दे। उन्होंने कहा कि ऐसे परिवार जिनके मुखिया देश की सरहद पर अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना बलिदान दे चुके होते हैं, उनके बच्चों में सैनिक बनने का एक जुनून होना गौरव की बात है।
राज्यपाल ने आह्वान किया कि हमारी शिक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि हर व्यक्ति प्रारंभ से ही सेना में जाने के लिए सदैव तत्पर रहे और हर क्षण अपने देश के प्रति लगाव की भावना अपने हृदय में सदैव रखे। यदि देश का हर व्यक्ति अपने दायित्वों का निर्वहन सैनिकों की तरह समर्पित होकर करे तो निश्चय ही हमारा देश एक दिन विश्वगुरू अवश्य बनेगा। हमारे सपने तभी साकार होंगे जब हम अपने दायित्वों का निर्वहन कुशलतापूर्वक करेंगे।
इस अवसर पर राज्यपाल जी ने राज्य सरकार और केन्द्र सरकार से अपील की ऐसी व्यवस्था हो कि शहीदों को दी जाने वाली सभी सुविधाएं उनकी जरूरत पर ही उनको प्राप्त हों। इसके लिए सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड द्वारा गठित समितियों को आगे आकर इस दिशा में काम करने की जरूरत है। राज्यपाल जी ने कहा कि प्रत्येक विद्यालय को शहीदों के आश्रित बच्चों को गोद लेकर उनकी शिक्षा की जिम्मेदारी अवश्य लेनी चाहिए ताकि देश की रक्षा में अपनी जान न्यौछावर करने वाले शहीदों के बच्चों को कठिनाई का सामना न करना पड़े।

राज्यपाल ने कहा कि कारगिल विजय दिवस के इस पावन अवसर पर भूतपूर्व सैनिकों तथा उनके परिजनों को अपने सामने देख कर मुझे बहुत ही गर्व की अनुभूति हो रही है। भारतीय सेना के प्रति मेरे हृदय में विशेष स्थान है। इस अवसर पर राज्यपाल ने कारगिल विजय दिवस पर अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद द्वारा रचित स्मारिका तथा अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद लखनऊ द्वारा रचित पुस्तक ‘शौर्य और पराक्रम’ का विमोचन भी किया।
राज्यपाल ने कारगिल युद्ध के दौरान उत्तर प्रदेश से शहीद हुये छिहत्तर (76) शहीदों के गांवों से लायी गयी मिट्टी वीर बलिदानी भूमि कलश का पूजन किया। कार्यक्रम में ‘वारियर्स डिफेंस एकेडमी’ के बच्चों द्वारा कारगिल युद्ध के दौरान टाइगर हिल पर विजय को केन्द्रित करती नृत्य नाटिका का भी प्रस्तुतीकरण किया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने सैनिकों के बलिदान और उनके शौर्य के बारे में बताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि कारगिल युद्ध कोई सामान घटना नहीं थी। यह युद्ध हमारे देश के जवानों के द्वारा दी गयी कुर्बानियों के कारण ही जीता गया।
इस अवसर पर राज्यपाल जी ने परमवीर चक्र विजेता स्व0 कैप्टन मनोज पाण्डेय के पिता जी सहित सत्तरह (17) वीर बलिदानियों के परिजनों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल दुष्यंत सिंह, अध्यक्ष संस्कृति भारती श्री जितेन्द्र प्रताप सिंह, मेजर जनरल पुरोहित, मेजर जनरल चतुर्वेदी, वाइस चेयरमैन स्ट्राइव इण्डिया, पूर्व सैनिक पुनर्वास बोर्ड के ब्रिगेडियर रवि प्रसाद, कैप्टन रावेन्द्र विक्रम सिंह एवं सेंट जोसेफ स्कूल की संस्थापक/प्रबन्धक श्रीमती पुष्प लता अग्रवाल, सेना के कई कार्यरत और पूर्व उच्च अधिकारी मौजूद थे।



