
माफिया बंधुओं के काले कारनामों से लेकर हत्या तक की ‘सीक्रेट प्लानिंग’
प्रयागराज – माफिया अतीक अहमद और अशरफ अब इस दुनिया में नहीं हैं। बीते शनिवार को तीन अपराधियों ने दोनों की दिनदहाड़े हत्या कर दी। अतीक और अशरफ उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी थे। पुलिस इन्हें पूछताछ के लिए प्रयागराज लाई थी। यूपी एसटीएफ की जांच में हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अतीक और अशरफ के काले कारनामें एक-एक कर के उजागर हो रहे हैं।
अतीक-अशरफ की हत्या से लेकर पुलिस की जांच तक…अब तक क्या हुए खुलासे
अतीक अहमद राजनीति में काफी सक्रिय रहा। उसने विधायकी से लेकर सांसदी तक का चुनाव जीता। लेकिन, ऐसा कहा जाता है कि चुनाव लड़ने के लिए अतीक गुंडा टैक्स वसूली पर्ची जारी करता था। वह बड़े बिल्डरों को निशाना बनाता था।
अतीक की ओर से जारी गुंडा टैक्स वसूली पर्ची के अलग-अलग रेट तय थे। अतीक की गुलाबी पर्ची का रेट 3 लाख से 5 लाख रुपए तक तय था। वहीं, सफेद पर्ची का रेट 5 लाख रुपए से ऊपर था।
अतीक अहमद और अशरफ की हत्या में तीन अपराधियों का नाम सामने आया है। इन तीनों ने दोनों को दिनदहाड़े गोली मारी थी। बताया जा रहा है कि इस घटना का मास्टर माइंड शूटर सनी सिंह था।
सूत्रों के अनुसार, हत्या से ठीक पहले अतीक अहमद से एक अनजान शख्स मिलने आया था. वह कौन था, पुलिस इसका पता लगा रही है।
साबरमती जेल से साल 2022 में 6 और 7 जनवरी को एक बिल्डर को धमकी दी गई थी। अतीक ने मोबाइल से चैट कर लखनऊ के बिल्डर को यह धमकी दी थी। यह चैट अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
15 अप्रैल दोपहर 12:00 और 1:00 के बीच में धूमनगंज थाने के लॉकअप में रखे जाने के दौरान अतीक व अशरफ के बीच कोई बातचीत हुई थी. दावा किया जा रहा है कि असद और गुलाम के एनकाउंटर को लेकर माफिया ब्रदर्स आपस में चर्चा कर रहे थे।
असद और गुलाम को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। इनके लोकेशन के बारे में किसने सूचना दी। ऐसा दावा किया जा रहा है कि किसी अतीक-अशरफ के किसी खास ने ही पुलिस को यह जानकारी मुहैया कराई थी।
अतीक और अशरफ के ठिकाने को लेकर तमाम गोपनीय जानकारी पुलिस से शेयर करने वाले मुखबीर को मौत का डर सता रहा है।
क्या अतीक-अशरफ की हत्या की वजह उनकी बेनामी संपत्तियां हैं? यूपी एसटीएफ के अधिकारी इस एंगल पर भी अपनी जांच कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि अतीक ने प्रयागराज और माउंटआबू में कई बेनामी निवेश कर रखे थे.
बीते 24 फरवरी को बसपा नेता राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप अतीक और उसके भाई अशरफ पर लगा था। पुलिस के मुताबिक, दोनों ने जेल से उमेश की हत्या की साजिश रची थी। वहीं, अतीक की पत्नी शाइस्ता ने शूटरों को भगाने में मदद की थी।