खबर

कोलकाता में 4 महिला पुजारी पहली बार करेंगी दुर्गा पूजा, होगा ऐतिहासिक बदलाव

इस साल दुर्गा पूजा में कोलकाता एक ऐतिहासिक बदलाव का गवाह बनेगा। कोलकाता की 66 पल्ली दुर्गा पूजा कमेटी ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए यह निर्णय किया है। कि इस साल क्लब की दुर्गा पूजा पुरुष पुजारी की जगह 4 महिला पुजारी संपन्न कराएंगी। पिछले साल के अंत में पूजा समिति के वयोवृद्ध पुरुष पुजारी के निधन के बाद यह निर्णय किया गया है। बता दें कि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में मां दुर्गा की पांच दिवसीय पूजा होगी और बंगाल का दुर्गा पूजा विश्व विख्यात है।

लगभग 10 साल पहले, नंदिनी, रुमा, सीमांती और पॉलोमी ने ‘शुभमस्तु’ नाम के एक ग्रुप का गठन किया था। उनका समूह जो विभिन्न सामाजिक और धार्मिक आयोजन करता रहा है। लेकिन पहली बार पुजारी के रूप में दुर्गा पूजा की रस्में निभाएगा। कोलकाता में 66 पल्ली दुर्गा पूजा समिति द्वारा आयोजित सभी अनुष्ठानों को महिलाएं करेंगी।

चार महिला पुजारी पहली बार करवाएंगी पूजा
इस संबंध में नंदिनी बताती है। हमने कभी नहीं सोचा था कि हम कभी पुजारी के रूप में पूजा करेंगे। जब हमने शुरुआत की थी। तो यह हमारे दिमाग में यह नहीं था। रुमा और मैं संस्कृत के प्रोफेसर हैं और हमने महसूस किया कि युवा पीढ़ी इन अनुष्ठानों में रुचि लेती है। और उन्हें बताया जाना चाहिए कि इनका क्या मतलब है। बता दें कि उनकी बेटी की शादी समूह द्वारा आयोजित पहली सामाजिक शादी थी। वहीं, सीमांती का बचपन शांतिनिकेतन में बीता है। वह गायिका और सामाजिक कार्यकर्ता है। पॉलोमी एक शिक्षिका और गायिका है। और उन्होंने समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर किया है।

ऐतिहासिक बदलाव का गवाह बनेगा कोलकाता
नंदिनी ने कहा,“हम शादी, समारोह और अंतिम संस्कार जैसे सामाजिक कार्यों में अनुष्ठान करते है। हम गृह प्रवेश पूजा करते है। इसमें हम पुरुषों और महिलाओं को अलग करने, इंसानों के बीच अलगाव में विश्वास नहीं करते है। हम शास्त्रों का कड़ाई से पालन करते है। हमें लगता है कि आधुनिक पीढ़ी को उचित तरीके से शास्त्रों की व्याख्या और बताने की आवश्यकता है। समूह की सबसे वरिष्ठ सदस्य सीमांती ने कहा, हमने शुरुआती नकारात्मक प्रतिक्रिया को सकारात्मक प्रशंसा में बदल दिया है। अब धारणा बदल गई है। हमारे परिवार ने सबसे पहले हमें प्रेरित किया है। इनका कहना है कि उनके पास कोई प्रधान पुजारी नहीं है। उनका उद्देश्य लोगों को इस बारे में शिक्षित करना है। कि सदियों पुरानी परंपराओं को ध्यान में रखते हुए अनुष्ठान कैसे करें और अन्य महिलाओं को दूसरे क्षेत्रों में काम करने के लिए प्रेरित करें।

‘मायर हाते मायेर अबहोन’ है पूजा का थीम
इस साल 66 पल्ली के पूजा का थीम महिला सशक्तिकरण है। इसका मूल वाक्य है,’मायर हाते मायेर अबहोन’, जिसका अर्थ है ‘मां के हाथों ही होगी मां की पूजा’पूजा समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी प्रद्युम्न मुखर्जी ने कहा, “पूजा की थीम के तर्ज पर ही दुर्गा पूजा के इतिहास में यह पहला मौका है। जब महिलाएं पूरी पूजा करेंगी। अगर महिला क्ले मॉडलर हो सकती है। अगर महिला आयोजक हो सकती है। तो महिला पुजारी क्यों नहीं हो सकती। बता दें कि इससे पहले 2020 में ‘ब्रह्मा जानेन गोपोन कोमोती’, एक बंगाली फिल्म रिलीज़ हुई थी। जिसमें एक महिला के संघर्ष को चित्रित किया गया था। जो एक पुजारी बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए चुनौती को स्वीकार करती है और लगातार संघर्ष करती है।

राज्‍यों से जुड़ी हर खबर और देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए नार्थ इंडिया स्टेट्समैन से जुड़े। साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप को डाउनलोड करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button

mahjong slot

spaceman slot

https://www.saymynail.com/

slot bet 200

slot garansi kekalahan 100

rtp slot

Slot bet 100

slot 10 ribu

slot starlight princess

https://moolchandkidneyhospital.com/

situs slot777

slot starlight princes

slot thailand resmi

slot starlight princess

slot starlight princess

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

ceriabet

ceriabet

ceriabet

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

slot starlight princess

ibcbet

sbobet

roulette

baccarat online

sicbo