
उपद्रवी तत्वों से चिंतित कानून मंत्री, कहा- कानून का विरोध करना बन गया है फैशन
संसद में बनने वाले कानूनों के विरोध को लेकर कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए दावा किया कि कुछ लोगों के लिए हर बात का विरोध करना फैशन बन गया है। और वे संविधान को स्वीकार नहीं करते। उन्होंने उन उपद्रवी तत्वों को लेकर चिंता व्यक्त की जो कानूनी, वैध और संवैधानिक चीजों का ऐड़ी-चोटी का जोर लगाकर विरोध करते हैं।
उन्होंने कहा कि बहस में विरोध करना ठीक है लेकिन जब कोई कानून बनता है तो आप कैसे कह सकते है कि वह लागू नहीं होता। अपने संबोधन में किरेन रिजिजू ने कहा कि जब संसद कोई विधेयक पारित करती है। या जब विधानसभा कुछ कानूनों को मंजूरी देती है। तो तब तक यह कहने का कोई कारण नहीं है कि हम इस अधिनियम का पालन नहीं करते हैं। या हम इस कानून का पालन नहीं करेंगे जब तक कि यह असंवैधानिक न हो।
आपको बता दें कि किरण दीजिए जो कि यह टिप्पणी शीतकालीन सत्र से पहले आई है। जिसे कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शीतकालीन सत्र में सरकार ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए एक विधेयक को सूचीबद्ध किया है। कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग लगातार कई किसान संघ कर रहे हैं।
किरेन रिजिजू ने कहा कि रिजिजू ने कहा, भारत एक बेहद लोकतांत्रिक देश है इसलिए हमें विरोध करने का अधिकार है। वैचारिक मतभेद का अधिकार है। हमें असहमति का अधिकार है। लेकिन संवैधानिक रूप से जो कुछ भी किया गया है। उसका सभी को सम्मान करना चाहिए।
किरेन रिजिजू कहा, शहरों में हम इसे महसूस नहीं करते हैं। लेकिन गहराई में जाने पर हम देखते है। कि कुछ तत्व उभर रहे है। यह बहुत परेशान करने वाला है। जो कुछ भी कानूनी, वैध, संवैधानिक है उसका ऐड़ी-चोटी का जोर लगाकर विरोध किया जा रहा है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने भारत के संविधान पर एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू किया।