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आंगनवाड़ी शिक्षा से लेकर कक्षा-12 तक हर बच्चे की निर्बाध शिक्षा प्रबंध की व्यवस्था बनाई जाए

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज यहाँ राजभवन स्थित प्रज्ञा कक्ष में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में क्रियान्वयन का प्रस्तुतिकरण किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल जी ने आंगनबाड़ी शिक्षा से लेकर कक्षा-12 तक प्रत्येक बच्चे की निर्बाध शिक्षा प्रबंध की व्यवस्था बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बच्चे के जन्म के साथ ही आंगनबाड़ी द्वारा उसका जन्म पंजीकरण कराने के आवश्यक कार्य से लेकर तीसरे वर्ष में उसका आंगनबाड़ी में प्रवेश भी सुनिश्चित करा लेना चाहिए।

राज्यपाल ने आंगनबाड़ी शिक्षा को मनोरंजन एवं बाल-सुलभ बनाने की चर्चा की तथा केन्द्रों पर संगीत और खेल-कूद उपकरणों के साथ शिक्षा प्रबंध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर उचित फर्नीचर और दीवारों पर बच्चों को आकर्षित करने वाली पेंटिंग होनी चाहिए। उन्होंने पेंटिंग के लिए विश्वविद्यालय स्तर के फाइन आर्ट के विद्यार्थियों को भुगतान आधार पर कार्य कराने को कहा।

उन्होंने कहा कि बच्चों को विजुअल माध्यम से दी जाने वाली शिक्षा की पुस्तके भी उपलब्ध कराई जाए और केंद्र पर आने वाले बच्चों का ऐसा डेटा बनाया जाए जो तीन साल तक उपयोगी रहे। उन्होंने बच्चों को अंग्रेजी की प्रारम्भिक जानकारी के साथ 80 प्रतिशत शिक्षण हिन्दी में कराने के लिए कहा। विभाग के प्रस्तुतिकरण में उन्होंने ग्राम प्रधान की सहभागिता का अभाव विशेष रूप से लक्षित करते हुए बच्चों के स्कूलों में नियमित आने, गाँव के प्रत्येक बच्चे का स्कूलीकरण कराने तथा विविध स्कूली कार्यक्रमों में उन्हे जोड़े जाने का सुझाव दिया।

बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि कक्षा-1 में जो कम सीखे हुए बच्चे प्रवेश लें उनके लिए अलग से शिक्षण व्यवस्था कर अन्य बच्चों के समकक्ष बनने में सहायता करें। उन्होंने कहा कि काम के लिए प्रवास करने वाले ग्रामीणों के बच्चे शिक्षा ड्राप आउट का शिकार न हो। इसके लिए स्कूल छोड़ने वाले बच्चे को प्राप्त शिक्षण का कार्ड देने की व्यवस्था की जा सकती है ताकि वो उसके आगे की शिक्षा के लिए अन्य स्कूल में प्रवेश ले सकें।

राज्यपाल ने बेसिक शिक्षा स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए 100 से 200 मीटर के दायरे में अन्य स्कूल के शिक्षकों का भी टाइम टेबल देकर दिवस वार शिक्षण व्यवस्था बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने शिक्षकों की योग्यता संवर्द्धन, आंगनवाड़ी भर्ती के लिए योग्यता रिवाइज करने तथा नए शिक्षकों की भर्ती को प्रोत्साहित करने को कहा। राज्यपाल जी ने जोर दिया कि यदि कोई बच्चा 2 दिन स्कूल न आये तो उसके कारण की जानकारी ली जाए और बच्चे से सम्पर्क किया जाए।

राज्यपाल ने बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों के संविलयन कराये जाने की चर्चा पर कहा कि जो प्राथमिक विद्यालय माध्यमिक शिक्षा विद्यालयों के करीब है उनके बच्चे उस स्कूल में जाकर शिक्षा और संसाधन का उपयोग कर सकें ऐसी व्यवस्था बनायी जाए। कक्षा-6 से चलने वाले कौशल विकास पाठ्यक्रम को सुनियोजित करने और व्यापक उपयोगी बनाने के लिए उन्होंने दोनो विभागों से संयुक्त बैठक कर पाठ्यक्रम निर्धारण करने को कहा।

उन्होंने कहा कि कक्षा-6 से चलने वाला कौशल विकास कार्यक्रम कक्षा-12 तक निरंतरता से बनाया जाये लेकिन वर्तमान में कक्षा-9 में आ चुके विद्यार्थियों के लिए भी उचित कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था पर विचार किया जाए। राज्यपाल जी ने कहा कि स्कूलों में विद्यार्थियों को बहुउपयोगी कार्यों के साथ भी संलग्न किया जाए जिसके लिए अन्य विभाग यथा- पुलिस विभाग, सीमा सुरक्षा बल आदि का सहयोग भी लिया जाए और उन्हे स्कूली कार्यक्रमों में सहयोग के लिए आमंत्रित किया जाए। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष रूप से सीमा सुरक्षा बल के कार्यों की जानकारी और गतिविधियों से छात्रों को जोड़ने के लिए कहा।

राज्यपाल ने अत्यधिक पिछड़े माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों को पी.पी.मोड पर चलाने हेतु विचार करने के लिए भी कहा। उन्होंने संसाधन विहीन स्कूलों में समीपवर्ती सम्पन्न स्कूलों के संसाधन उपयोग हेतु सहभागिता कराने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को भी प्रोत्साहित किया जाए कि वे साधन विहीन माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में शिक्षण तथा संबंधित गतिविधियों के संचालन के लिए गोद लें।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों के ड्राप आउट रोकने की उचित व्यवस्था करने के साथ ही बालिकाओं के स्कूलों के संवर्द्धन के लिए भी कहा जिससे उन्हे समीप के स्कूल में 12वीं तक सम्पूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके तथा यदि उनका स्कूल दूर है तो उचित ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था पर भी विचार किया जाए। उन्होंने प्रदेश के स्कूलों की मैपिंग करने का भी निर्देश दिया जिसमें निकटवर्ती स्कूलों के साथ सम्बद्धीकरण की व्यवस्था बनाई जा सकें।

बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री महेश कुमार गुप्ता, विशेष कार्याधिकारी शिक्षक पंकज एल. जानी, माध्यमिक शिक्षक विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला, प्रमुख सचिव दीपक कुमार, सचिव अनामिका सिंह, निदेशक सारिका मोहन सहित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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