
‘भारत को 1971 युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ मिली जीत विश्व इतिहास की सबसे बड़ी फतह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत को 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ मिली जीत दुनिया के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण जीत में से है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को भारत के आगे घुटने टेकने पर मजबूर होना पड़ा था।
बता दें कि इस साल 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर मिली ऐतिहासिक जीत के 50 साल पूरे हो गए है। इसे बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के तौर पर भी जाना जाता है। भारत ने पाकिस्तान को इस युद्ध में धूल चटाई थी। और फिर बांग्लादेश का जन्म हुआ था।
राजनाथ सिंह ने कहा, 1971 के युद्ध में भारत की जीत विश्व इतिहास की सबसे बड़ी जीत साबित हुई। इस युद्ध में पाकिस्तान ने अपनी सेना का एक तिहाई, नौसेना का आधा और वायु सेना का एक चौथाई हिस्सा खो दिया था। उन्होंने कहा, 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा भारत के आगे आत्मसमर्पण करना विश्व इतिहास में एक ऐतिहासिक आत्मसमर्पण था। भारत को पाकिस्तान पर मिली जीत के अवसर पर इस साल स्वर्णिम विजय पर्व मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल इसे मनाने का ऐलान किया था।
पाकिस्तान के खिलाफ परोक्ष जंग भी जीतेगा भारत – राजनाथ सिंह
इससे पहले, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ प्रत्यक्ष युद्ध जीता था। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान द्वारा भड़काए जा रहे आतंकवाद के खिलाफ जारी परोक्ष जंग भी जीत जाएगा।
उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध ने दिखाया कि ब्रिटिश शासन से आजादी के समय धर्म के नाम पर भारत का विभाजन एक ऐतिहासिक गलती थी। रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद और अन्य भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देकर भारत को तोड़ना चाहता है।
धर्म के आधार पर विभाजन ऐतिहासिक गलती – राजनाथ सिंह
राजनाथ ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने 1971 के युद्ध में उसकी सभी योजनाओं को विफल कर दिया और फिलहाल वे आतंकवाद के खतरे को खत्म करने के लिए काम कर रहे है। उन्होंने कहा, हमने सीधा युद्ध जीता और मैं पूरी तरह से आश्वस्त कर सकता हूं कि हम परोक्ष युद्ध भी जीतेंगे।
भारत-पाकिस्तान युद्ध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, यह (1971) युद्ध यह भी दर्शाता है कि धर्म के आधार पर भारत का विभाजन एक ऐतिहासिक गलती थी। पाकिस्तान का जन्म एक धर्म के नाम पर हुआ। लेकिन यह एक नहीं रह सका। गौरतलब है कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान की हार के बाद उसका विभाजन हो गया था। जिसके बाद बांग्लादेश की स्थापना हुई।