
Xiaomi, Vivo और Oppo पर सरकार की कड़ी नजर, चीनी स्मार्टफोन कंपनियों को जारी किए नोटिस
भारत में काम करने वाली चीनी मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी हो गईं है। केंद्र सरकार तीन बड़ी चीनी मोबाइल कंपनियों- ओप्पो, वीवो इंडिया और शाओमी द्वारा टैक्स चोरी के मामलों पर नजर बनाए हुए है। सरकार ने इन कंपनियों को नोटिस भी जारी किए है। इन कंपनियों पर किए गए मुकदमों में इनकम टैक्स की चोरी, कस्टम से संबंधित उल्लंघन से लेकर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग शामिल है।
सरकार ने की कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद को बताया कि डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने ओप्पो को 4,389 करोड़ रुपये की कुल कस्टम ड्यूटी का नोटिस जारी किया है। इसकी वजह उसने कुछ सामानों के बारे में जानकारी नहीं देना बताया है। जिससे ड्यूटी के भुगतान में गड़बड़ी हुई है। सीतारमण ने कहा कि ड्यूटी की चोरी करीब 2,981 करोड़ रुपये है।
इसके अलावा ईडी ने 40 से ज्यादा जगहों पर रेड की है, जिनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और कुछ दक्षिणी राज्य शामिल है। ये रेड उसने चीनी स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग कंपनी वीवो के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले के संबंध में की है।
इससे पहले जुलाई में, ईडी ने वीवो इंडिया से संबंधित 119 बैंक खातों को ब्लॉक कर दिया था। मनी लॉन्ड्रिंग की पड़ताल में इन खातों में उसे करोड़ों रुपये मिले थे. प्रवर्तन निदेशालय ने इसे गंभीर आर्थिक अपराध बताया था। इसके जवाब में मोबाइल कंपनी ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उसने कोर्ट से अपने बैंक खातों का संचालन करने की इजाजत मांगी थी। फिर, अदालत ने कंपनी को 950 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी देने पर कंपनी को बैंक खातों का संचालन करने की मंजूरी दे दी है।
वीवो और शाओमी के खिलाफ भी एक्शन
हाल ही में डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने बुधवार को दोबारा कहा कि उसने वीवो मोबाइल इंडिया द्वारा करीब 2,217 करोड़ रुपये की कस्टम ड्यूटी की चोरी को पकड़ा है।
शाओमी की बात करें, तो कंपनी को तीन शोकेस नोटिस जारी किए जा चुके है। और उस पर करीब 653 करोड़ रुपये की ड्यूटी की लायबिलिटी है। सीतारमण ने मंगलवार को कहा थी चीनी कंपनी ने इसमें से केवल 46 लाख रुपये जमा कराए है। ईडी ने अप्रैल के आखिर में शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के 5,551.27 करोड़ रुपये को सीज किया था. ईडी ने यह कार्रवाई फेमा एक्ट के तहत की थी।



