
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उ0प्र0 में संचालित ‘ई-रूपी वाउचर, ई-कवच, केयर और यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल मॉडल’ की सराहना की
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ0 मनसुख मंडाविया के साथ उत्तर प्रदेश में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवाओं को और अधिक जनोपयोगी बनाने के उद्देश्य से केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रगति की समीक्षा की। समीक्षा बैठक के दौरान केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उत्तर प्रदेश में संचालित ‘ई-रूपी वाउचर, ई-कवच, केयर और यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल मॉडल’ की सराहना की और विभागीय अधिकारियों को प्रेजेंटेशन देने दिल्ली आमंत्रित किया।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भारत सरकार की टीम के उत्तर प्रदेश आगमन पर अभिनन्दन करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2014 के पहले राज्यों के अधिकारी दिल्ली की परिक्रमा किया करते थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती थी। आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्रीय मंत्री स्वयं राज्यों में भ्रमण कर उनकी आशा, अपेक्षा और आवश्यकताएं जान रहे हैं और उसी अनुरूप निर्णय ले रहे हैं। यह संवैधानिक व्यवस्थाओं के पालन का बेहतरीन उदाहरण है।
इंसेफेलाइटिस उन्मूलन के प्रयासों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 40 वर्षों में 50 हजार से ज्यादा बच्चे इस बीमारी के कारण असमय काल कवलित हो गए। आज ए0ई0एस0 के रोग मृत्यु दर में 95 प्रतिशत की कमी आ चुकी है, जबकि जे0ई0 के रोगियों की मृत्यु 96 प्रतिशत तक कम हुई है। आशा बहनों और ए0एन0एम0 के सहयोग से हमने घर-घर जाकर स्क्रीनिंग करने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री ने विगत 06 वर्ष में प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र को सुदृढ़ बनाने में केन्द्र सरकार से मिले सहयोग और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जब कोविड आया तब प्रदेश के 36 जिलों में एक भी आई0सी0यू0 नहीं थी। भारत सरकार के सहयोग से हर जनपद में आई0सी0यू0 की व्यवस्था की गयी। हमने वर्चुअल आई0सी0यू0 भी चलाये, जो एक मॉडल बना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता के लिए उत्तर प्रदेश प्रतिबद्ध है। टी0बी0, कालाजार, फाइलेरिया तथा कुष्ठ रोग के नियंत्रण के लिए प्रत्येक माह की 15 तारीख को सभी हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर में ‘एकीकृत निक्षय दिवस’ मनाया जा रहा है। हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर से टी0बी0 जांच केन्द्रों तक सैम्पल ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था है।
वर्तमान में 23,422 निक्षय मित्रों के माध्यम से 2,64,345 क्षय रोगियों को कार्यक्रम में लिंक किया गया है। यह गौरव की बात है कि उत्तर प्रदेश के उदाहरण को पूरे देश में लागू किया गया है।