मुंबई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के चीन को छोड़कर अन्य देशों पर लगाए गए पारस्परिक टैरिफ को 90 दिनों तक के लिए स्थगित रखने के निर्णय से स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा लिवाली से आज शेयर बाजार ने राहत की सांस ली और दोनों मानक सूचकांक सेंसेक्स एवं निफ्टी करीब दो फीसदी तक उछल गए।
बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1310.11 अंक अर्थात 1.77 प्रतिशत की छलांग लगाकर 75 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 75,157.26 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 429.40 अंक यानी 1.92 प्रतिशत की दमदार तेजी के साथ 22828.55 अंक पर बंद हुआ।
बीएसई का मिडकैप 1.84 प्रतिशत उछलकर 40,274.24 अंक और स्मॉलकैप 3.04 प्रतिशत मजबूत होकर 45,798.35 अंक पर रहा। इस दौरान बीएसई में कुल 4079 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 3115 में लिवाली जबकि 846 में बिकवाली हुई वहीं 118 में कोई बदलाव नहीं हुआ।
इसी तरह एनएसई में कारोबार के लिए रखी गई कुल 2959 कंपनियों के शेयरों में से 2381 में तेजी जबकि 492 में गिरावट रही वहीं 86 में टिकाव रहा। बाजार विश्लेषकों के अनुसार, वैश्विक बाजारों में जारी अनिश्चितता के बीच आज बाजार में भले ही गैप अप ओपनिंग देखने को मिली हो लेकिन इसके लंबे समय तक टिके रहने की संभावना कम है। अमेरिकी बॉन्ड बाजार की तेज हलचल ने इस पर महत्वपूर्ण असर डाला है।
दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा चीन को छोड़कर अन्य देशों पर लगाए गए पारस्परिक टैरिफ से पीछे हटने के पीछे प्रमुख कारण अमेरिकी बॉन्ड बाजार में आई उथल-पुथल रही। अमेरिकी ट्रेजरी में भारी बिकवाली के चलते सुरक्षित निवेश का रुझान घटा और 10 वर्षीय बॉन्ड यील्ड बढ़कर 4.5 प्रतिशत तक पहुंच गई।
इससे संकेत मिलता है कि बॉन्ड निवेशकों के दबाव में ट्रम्प प्रशासन को नीति में बदलाव करना पड़ा। वर्तमान में भी 10-वर्षीय यील्ड लगभग 4.46 प्रतिशत पर बनी हुई है जबकि डॉलर सूचकांक गिरकर 100 के स्तर पर आ गया है। इस पूरे परिदृश्य को देखते हुए यह स्पष्ट है कि निकट भविष्य में बाजार में स्थायी तेजी की संभावना कम है।
हालांकि, निवेशकों के लिए एक राहत की बात यह है कि भारत की मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिति मजबूत बनी हुई है और वैश्विक व्यापार युद्ध के इस दौर में भारत सबसे कम प्रभावित देशों में से एक है। ऐसे माहौल में निवेशकों को अत्यधिक सतर्कता बरतनी चाहिए और रिटर्न की चाह में जोखिम लेने से बचना चाहिए। वर्तमान परिस्थितियों में सबसे सुरक्षित विकल्प उचित मूल्य वाले लार्जकैप शेयर हो सकते हैं, जहां निवेश की सुरक्षा अधिक है।
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