
प्रधानमंत्री ने तमिल भाषा के ग्रंथों का ब्रेल भाषा में अनुवाद का विमोचन तथा काशी तमिल संगमम एक्सप्रेस ट्रेन का हरी झण्डी दिखाकर शुभारम्भ किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज जनपद वाराणसी के नमो घाट पर 17 से 30 दिसम्बर, 2023 तक आयोजित होने वाले ‘काशी तमिल संगमम’ के द्वितीय संस्करण का शुभारम्भ किया।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने तमिल भाषा के ग्रंथों का ब्रेल भाषा में अनुवाद का विमोचन किया।
उन्होंने काशी तमिल संगमम एक्सप्रेस ट्रेन का हरी झण्डी दिखाकर शुभारम्भ किया। यह ट्रेन वाराणसी से कन्याकुमारी के बीच साप्ताहिक चलेगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी तमिल संगमम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत कर रहा है। तमिलनाडु और काशीवासियों के हृदय में जो प्रेम और सम्बन्ध है, वह अलग और अद्वितीय है।
तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है कि महादेव के एक घर से उनके दूसरे घर आना। इसका मतलब है कि मदुरै मीनाक्षी के यहां से काशी विशालाक्षी के यहां आना।
काशी तमिल संगमम की आवाज देश व दुनिया में जा रही है। पिछले वर्ष काशी तमिल संगमम शुरु होने के बाद इस यात्रा से लाखों लोग जुड़ते जा रहे हैं। कलाकारों, शिल्पकारों, साहित्यकारां सहित अन्य क्षेत्र के लोगों को इस संगमम से आपसी संवाद व सम्पर्क का एक प्रभावी मंच मिला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी तमिल संगमम को सफल बनाने के लिए बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय तथा आई0आई0टी0 मद्रास भी साथ आए हैं। आई0आई0टी0 मद्रास ने वाराणसी के हजारों छात्रों को विज्ञान व गणित में ऑनलाइन सपोर्ट देने के लिए ‘विद्या शक्ति इनीशिएटिव’ शुरू किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत करने के लिए कुछ समय पूर्व काशी में गंगा पुष्करालू उत्सव अर्थात काशी तेलगू संगमम भी आयोजित हुआ था। यह भावना संसद के नये भवन में प्रवेश के समय भी नजर आयी।



