
राज्यपाल की अध्यक्षता में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का 9वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न
राज्यपाल व कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का 9वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ।
समारोह में राज्यपाल ने 36 शोध छात्र/छात्राओं को उपाधि, परास्नातक/स्नातक के 1426 छात्र-छात्राओं को उपाधि और मेधावियों को स्वर्ण पदक और प्रमाण पत्र अपने हाथों से प्रदान किया।
राज्यपाल ने उपाधि एवं पदक प्राप्तकर्ताओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि आपने अपने चुने हुए विषय की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है, परन्तु जीवन की परीक्षा अब आरंभ होगी। आपके जीवन में बहुत सी चुनौतियां आयेंगी, आपको उनका सामना करना है और उस पर विजय प्राप्त करनी है।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा का उद्देश्य, उसकी सार्थकता इसमें है कि वह अपने समुदाय, समाज और राष्ट्र को हर प्रकार से और अच्छा बनाये। उन्होंने छात्रों को अपनी प्रतिभा और ऊर्जा का सदुपयोग बेहतर प्रौद्योगिकी एवं प्रबंध तंत्र विकसित करने के लिए भी कहा।
राज्यपाल ने कहा कि आज का समय प्रौद्योगिकी और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का है। जो राष्ट्र निरंतर नया शोध करेंगे तथा नयी टेक्नोलॉजी विकसित करेंगे, वहीं दुनिया का नेतृत्व करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मंशानुसार भारत को विकसित भारत बनाना है इसके लिए हमें प्रौद्योगिकी की दिशा में तेजी से कार्य करना होगा। इसके माध्यम से ही हम देश में गरीबी तथा अशिक्षा को खत्म कर देश को सुखी एवं समृद्ध बना पायेंगे।
उन्होंने छात्रों को भविष्य के लिये प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि ज्ञान सर्वोच्च शक्ति है, परंतु कर्महीन ज्ञान का कोई लाभ नहीं है। ज्ञान संचित करने का कोई लाभ नहीं है, यदि उससे कोई नवाचार न हो रहा हो एवं उससे समुदाय, राष्ट्र या मनुष्यता का कोई भला न हो रहा हो।
ज्ञान की सार्थकता इसी में है कि वह आमजन के जीवन को और अच्छा करने में सहायक हो। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में संपन्न हो रहे शोध को आमजन तक पहुँचाने में ही शोध की सार्थकता है। उन्होंने विश्वविद्यालयों में सामाजिक भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों को आगे बढ़कर अपने आस-पास के समाज एवं समुदाय के
सर्वांगीण विकास में सक्रिय सकारात्मक सहयोग करना चाहिए। छात्रों में सामाजिक दायित्व बोध विकसित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने विश्वविद्यालय को नैक मूल्यांकन के पश्चात् ’ए’ ग्रेड और इस वर्ष छप्त्थ् रैकिंग में अच्छा स्थान प्राप्त होने पर बधाई देते हुए कहा कि यदि हम इस ग्रेड को और बेहतर करते है तो एन0आई0आर0एफ0 रैकिंग में विश्वविद्यालय की रैंक में और भी सुधर कर पायेंगे।
उन्होंने कहा कि पहले अन्य स्थानों पर कार्य कर रहे छात्रों को विश्वविद्यालय से डिग्री व अंक तालिका प्राप्त करने के लिए स्वयं आना पड़ता था जिससे उसके समय की हानि होती थी परन्तु अब डिजी लाकर के माध्यम से कोई भी छात्र कही से भी अपनी डिग्री व अंक तालिका देख और प्राप्त कर सकता है।