कायस्थ आन्दोलन के एक महारथी का प्रयाण
परिवार के साथ दीपावली की पूजा कर भोजनोपरांत सोया ही था कि लगभग मध्यरात्रि के बाद फोन की घंटी बजने से नींद टूट गयी। फोन पर मेरे पचास वर्ष पुराने मित्र और कांग्रेस के बड़े नेता, भूतपूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय जी थे। मैंने उन्हें…