कान भरने की कला-कहानी की कहानी पंचतन्त्र-7
पिछले अंक के भाग-6 में आपने पढ़ा कि……………
पर यह इतना समय साध्य काम था जिसकी अनुमति न तो मेरी भावी योजनाएं देती थीं। न ही प्रकाशन संस्थान दे सकता था। यह पुनर्रचना पाठकों को कितना संतोष दे पाती है यह नहीं जानता पर मेरी अपनी अतृप्ति तो बनी ही…