
PM मोदी ने बनासकांठा में डेयरी परिसर का किया लोकार्पण, कही यह बड़ी बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनासकांठा के दियोदर में डेयरी परिसर का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि बीते 1-2 घंटों में मैं यहां अलग-अलग जगहों पर गया और डेयरी सेक्टर से जुड़ी सरकारी योजनाओं की लाभार्थियों और पशु पालन बहनों से मेरी विस्तार से बात हुई। इस पूरे समय के दौरान मुझे जो जानकारियां दी गई उससे मैं बहुत प्रभावित हूं।
उन्होंने कहा कि भारत में गांव की अर्थव्यवस्थाओं को, माताओं-बहनों के सशक्तिकरण को कैसे बल दिया जा सकता है। सहकार कैसे आत्मनिर्भर भारत के अभियान को ताकत दे सकता है। ये सब कुछ यहां अनुभव किया जा सकता है।
मोदी ने कहा कि बनास डेयरी संकुल,चीज़ और व्हे प्लांट, ये सभी तो डेयरी सेक्टर के विस्तार में अहम है। बनास डेयरी ने ये भी सिद्ध किया है कि स्थानीय किसानों की आय बढ़ाने के लिए दूसरे संसाधनों का भी उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आलू और दूध का आपस में कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन बनास डेयरी ने ये रिश्ता भी जोड़ दिया।
दूध, दही,छाछ, पनीर, फ्रेंच फ्राइज, बर्गर, पेटीज जैसे उत्पादों को भी बनास डेयरी ने किसानों का सामर्थ्य बना दिया है। ये भारत के लोकल को ग्लोबल बनाने की दिशा में भी एक अच्छा कदम है। मोदी ने कहा कि गुजरात आज सफलता की जिस ऊंचाई पर है। विकास की जिस ऊंचाई पर है वो हर गुजराती को गर्व से भर देता है। इसका अनुभव मैंने कल गांधीनगर के विद्या समीक्षा केंद्र में किया। गुजरात के बच्चों के भविष्य को, हमारी आने वाली पीढ़ियों को संवारने के लिए विद्या समीक्षा केंद्र एक ताकत बन रहा है।
The development initiatives at Banas Dairy will empower farmers and boost the rural economy. We can experience here how cooperative movement can give strength to the Aatmanirbhar Bharat campaign: PM Narendra Modi at Banas Dairy Sankul in Gujarat's Banaskantha pic.twitter.com/xFmV0XNOnv
— ANI (@ANI) April 19, 2022
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यहां एक बायो-CNG प्लांट का लोकार्पण किया गया है। और 4 गोबर गैस प्लांट्स का शिलान्यास हुआ है। ऐसे अनेक प्लांट्स बनास डेयरी देशभर में लगाने जा रही है। ये कचरे से कंचन के सरकार के अभियान को मदद करने वाला है। गोबरधन के माध्यम से एक साथ कई लक्ष्य हासिल हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इससे गांवों में स्वच्छता को बल मिल रहा है। पशुपालकों को गोबर का भी पैसा मिल रहा है और गोबर से बायो-CNG और बिजली जैसे उत्पाद तैयार हो रहे हैं। इस पूरी प्रक्रिया में जो जैविक खाद मिलती है। उससे किसानों को बहुत मदद मिल रही है।