
पाकिस्तान को अपनी ही मिसाइल से बर्बादी का खतरा, शाहीन-3 का टेस्ट नाकाम, परमाणु केंद्र के पास गिरी
पाकिस्तान अक्सर अपने हथियारों को भारत के समकक्ष बताने का दावा करता है, लेकिन उसकी मिसाइलें बार-बार उसे मुश्किल में डाल रही हैं। हाल ही में परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम शाहीन-3 मिसाइल का नियमित परीक्षण के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। यह मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अपने तय रास्ते से भटक गई और बलूचिस्तान के अशांत डेरा बुगती क्षेत्र में धमाके के साथ गिर पड़ी।
पाकिस्तान की सेना की ओर से इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन कई ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस खातों और स्थानीय चश्मदीदों ने इसकी तस्वीरें और जानकारी साझा की हैं। बताया जा रहा है कि मिसाइल लॉन्च के तुरंत बाद दिशा भटक गई और दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे से स्थानीय लोगों की जान जोखिम में पड़ गई। खबर को दबाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने क्षेत्र में इंटरनेट सेवा ठप कर दी और मीडिया को भी रोक दिया गया।
22 जुलाई को क्या हुआ?
पाकिस्तान ने अपनी शाहीन-3 मिसाइल का परीक्षण डेरा गाजी खान के पास एक प्रक्षेपण स्थल से किया, जो उसके मिसाइल कार्यक्रमों के लिए सामान्य स्थान है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, मिसाइल या तो हवा में फट गई या लॉन्च के तुरंत बाद क्रैश हो गई, जिसका मलबा आसपास के रिहायशी इलाकों में जा गिरा। इस घटना ने पाकिस्तान के मिसाइल परीक्षण की सुरक्षा और प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। हादसे के दौरान तेज धमाका भी हुआ।
हादसे की खबर कैसे उजागर हुई?
धमाका इतना जोरदार था कि 50 किलोमीटर के दायरे में इसकी आवाज सुनाई दी। बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के कुछ हिस्सों में हड़कंप मच गया। सेना ने तुरंत क्षेत्र में इंटरनेट बंद कर दिया और लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी। हालांकि, सोशल मीडिया पर हादसे से जुड़े वीडियो और तस्वीरें वायरल हो गए, जिससे घटना सामने आ गई। कुछ दावों के अनुसार, मिसाइल डेरा गाजी खान के परमाणु केंद्र के पास गिरी। रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान नामक संगठन ने इस परीक्षण की निंदा करते हुए कहा कि यह बलूचिस्तान के लोगों की जान को जोखिम में डाल रहा है।
परमाणु केंद्र के पास हुआ हादसा
जिस क्षेत्र में मिसाइल गिरी, वह डेरा गाजी खान है, जहां पाकिस्तान का सबसे बड़ा परमाणु केंद्र स्थित है। यह केंद्र यूरेनियम प्रसंस्करण का प्रमुख स्थान है, जहां पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग का पायलट प्लांट है। इस प्लांट में हरदिन 10,000 पाउंड तक यूरेनियम संसाधित किया जाता है। अगर मिसाइल संवेदनशील क्षेत्र में गलती से टकरा जाती, तो नुकसान की भयावहता का अनुमान लगाना काफी मुश्किल है।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
यह पहली बार नहीं है जब शाहीन-3 मिसाइल के परीक्षण में खामी उजागर हुई हो। 2023 में भी एक परीक्षण के दौरान विस्फोट की आवाज दूर तक सुनाई दी थी। जनवरी 2021 में भी ऐसा ही हादसा हुआ था, जब मिसाइल अपने रास्ते से भटककर डेरा बुगती के मट्ट क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। उस घटना में कई घर क्षतिग्रस्त हुए थे और पांच लोग, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे, घायल हो गए थे। इसके अलावा, 2020 में बलूचिस्तान में बाबर-2 मिसाइल का परीक्षण भी असफल रहा था।