
विभागीय आयोजनों में माननीयों के पीछे बैठेंगे अधिकारी, मुख्य सचिव ने शासनादेश किया जारी
जिलों में सरकारी विभागों के आयोजित कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बैठने का क्रम अब निर्धारित कर दिया गया है। इस प्रोटोकॉल को लेकर यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने आदेश जारी किया है।
जारी आदेश के अनुसार मुख्यालय या जिला स्तर पर आयोजित होने वाली बैठकों में अध्यक्षता कर रहे सांसद के दाहिनी तरफ उस जनपद के विधायक तथा विधान परिषद के ऐसे सदस्य जिनके क्षेत्र में जनपद आता है के बैठने की व्यवस्था की जायेगी। बैठक में सांसद के सहयोग के लिए जिलाधिकारी एवं अन्य अपेक्षित अधिकारी मंच पर उनके बायीं तरफ बैठेंगे।
जारी आदेश के अनुसार मुख्य मंत्री के जो भी कार्यकम प्रदेश मुख्यालय या जनपद स्तर पर होते हैं, उनमें मंच की अग्रिम पंक्ति में सांसद तथा विधामण्डल के सदस्यगण बैठेंगे। इन बैठकों में यदि उपस्थित जनप्रतिनिधियों की संख्या अधिक होती है तो उन्हें दूसरी या तीसरी पंक्ति में बैठाया जा सकता है।
केवल मुख्य सचिव अथवा जिस विभाग के द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, उसके विभाग प्रमुख, यानि अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव / सचिव, मंच की अग्रिम पंक्ति में बैठ सकते हैं। आदेश में कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जायेगा कि कोई भी जन प्रतिनिधि किसी अधिकारी के पीछे नहीं बैठेंगे।
ये भी हुआ आदेश
मुख्य सचिव के तरफ से विकास कार्यों से सम्बंधित शिलापट्ट को लेकर भी आदेश जारी किया गया है। आदेश के अनुसार मुख्य मंत्री के प्रदेश मुख्यालय या जनपद स्तरीय कार्यक्रमों में केवल उपस्थित होने की सहमति देने वाले उस जनपद के सांसद, विधायक व विधान परिषद सदस्य, जिनके नाम के सम्मुख सम्बन्धित जिला अंकित है, के ही नाम शिलापट्ट या विज्ञापन में लिखे जायेंगे।



