
अब जनता को मिलेगा सरकार के विजन डॉक्यूमेंट में सुझाव देने का मौका… देश के भविष्य ही तय यूपी का विकास
विकसित उत्तर प्रदेश को लेकर राज्य सरकार के विजन डॉक्यूमेंट में सुझाव देने का मौका अब जनता को भी मिलेगा। विजन को पब्लिक डोमेन में डालने की कवायद के तहत बकायद क्यूआर कोड जारी किया जाना है। इसी के माध्यम से आमजन अपनी राय डेवलेप यूपी के लिए दे सकेगी। इसके बाद भविष्य के उत्तर प्रदेश की तस्वीर तय करने से पहले एक बार फिर विधानसभा में मैराथन चर्चा इस विषय पर होगी।
सोमवार को विधानभवन में पत्रकारों से मुखातिब राज्य विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि उप्र. अठारहवीं विधानसभा का वर्ष 2025 का द्वितीय सत्र अपने रचनात्मक विमर्श और अनुशासित कार्यवाही के लिए स्मरणीय बन गया। इस सत्र में विकसित भारत–विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत–आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश, विषय पर लगातार दो दिनों तक निरंतर चर्चा हुई, जिसने लोकतांत्रिक परंपरा को और अधिक मजबूती मिली।
पत्रकार वार्ता में महाना ने बताया कि इस विमर्श ने विकसित उत्तर प्रदेश की संकल्पना को और अधिक गहराई व व्यापकता प्रदान की है और यह भविष्य के लिए सकारात्मक दिशा तय करने में सहायक सिद्ध होगा। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि इस महत्त्वपूर्ण विषय पर सदन का प्रत्येक सदस्य अपने विचार प्रकट करना चाहता था। इसमें भाग लेने की होड़ दिखाई दी। जिन्हें बोलने का अवसर मिला वे संतुष्ट दिखे।
20-21 जनवरी को अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि अगले साल 20-21 जनवरी को अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का 86वां सम्मेलन लखनऊ में आयोजित किया जाएगा। इससे पूर्व यह वार्षिक सम्मेलन पटना और उससे पहले मुंबई में सम्पन्न हुआ था। सम्मेलन में देश भर की विधानसभाओं के अध्यक्ष भाग लेंगे और राज्यसभा के उपसभापति भी मौजूदगी दर्ज कराएंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इस आयोजन के लिए सहमति मिल चुकी है।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि सम्मेलन की तैयारियां शीघ्र शुरु होगी। लोकसभा अध्यक्ष द्वारा आउट ऑफ टर्न उत्तर प्रदेश को यह अवसर प्रदान किया जाना प्रदेश के लिए विशेष सम्मान की बात है। इस सम्मेलन का विस्तृत कार्यक्रम, लोकसभा की टीम के आगमन के बाद तय होगा। सम्मेलन में शामिल होने वाले सभी प्रतिनिधियों को प्रदेश के धार्मिक और सांस्कृतिक वैभव से परिचित कराने के लिए अयोध्या, काशी, मथुरा और कुशीनगर आदि पावन स्थलों का भ्रमण भी कराया जाएगा।
सतीश महाना को मिली दो अहम जिम्मेदारी
उप्र. विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना को दो खास जिम्मेदारी सौंपी गई। एक तो यह कि अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में पारित संकल्प-पत्र पर कितना काम आगे बढ़ रहा है, इसका वह फीडबैक लेंगे। दूसरा देश की विधानसभाओं के विधायकों को प्रशिक्षण देने का उत्तरदायित्व भी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें ही सौंपा है। इन दोनों जिम्मेदारियों के बाबत सतीश महाना का कहना है कि यह उत्तर प्रदेश के लिए न केवल सम्मान, बल्कि सौभाग्य की बात है।